अंबिकापुर। लंबे इंतजार के बाद घोषित अंबिकापुर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी राजेश अग्रवाल का भाजपा कार्यालय में स्वागत कार्यक्रम से भाजपा के बड़े नेता नदारत रहे। कल शुक्रवार को भाजपा कार्यालय में अग्रवाल समाज के चुनिंदा चेहरों और युवा कार्यकर्ताओ को छोड़ ज्यादातर दिग्गज भाजपाइयों ने कार्यक्रम से दूरी बना ली थी।
राजेश अग्रवाल को भाजपा उम्मीदवार घोषित किये जाने के बाद आज भाजपा कार्यालय में उनके स्वागत का कार्यक्रम रखा था। भाजपा कार्यालय से जारी विज्ञप्ति में दावा किया गया कि कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष ललन प्रताप सिंह, जिला महामंत्री अभिमन्यु गुप्ता, नगर मंडल अध्यक्ष मधुसूदन शुक्ला सहित बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे लेकिन मंच की तस्वीरों ने इस दावे की पोल खोल दी। विज्ञप्ति के साथ जारी तस्वीरों में राजेश अग्रवाल के साथ उनके समाज के राजकुमार बंसल, मुरारी अग्रवाल और महिला नेत्री मंजूषा भगत ही दिखाई दी। सरगुजा भाजपा की पहचान बने बड़े चेहरे और टिकट की रेस में शामिल मेजर अनिल सिंह, अखिलेश सोनी, अनुराग सिंह देव, आलोक दुबे, भारत सिंह सिसोदिया सहित संघ की पृष्टभूमि से आने वाले चर्चित चेहरों की अनुपस्थिति चर्चा का विषय बनी रही।
विधानसभा चुनाव रणभेरी बजने के बाद सबसे अनुशासित पार्टी में मचे अंतर्कलह प्रदेश की सबसे हाईप्रोफाइल अंबिकापुर सीट जीतने की भाजपा की तैयारियों की कलई खोल दी है।कांग्रेस से आयातित प्रत्याशी को भाजपा का कैडर स्वीकार नहीं कर पा रहा है। एक दो दिन में पार्टी हाईकमान अंतर्कलह को शांत न कर पाया तो चुनाव जीतना तो दूर भाजपा को अंबिकापुर से प्रतिष्ठा बचना भी बड़ी चुनौती साबित होगी।
क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल जमकर भड़के
इधर पिछले कुछ दिनों से सरगुजा दौरे पर आये भाजपा के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल भी सरगुजा के चार-पांच भाजपा नेताओं की कार्यप्रणाली पर जमकर भड़के हैं। इन नेताओं को एक दिन पूर्व भाजपा कार्यालय में आयोजित बैठक में बुलाया गया था किंतु टिकट वितरण को लेकर सभी नाराज चल रहे हैं और कोई पहुंचा ही नहीं। एक भाजपा नेता ने अपने उद्बोधन में इस पर सवाल खड़ा कर दिया था, इसको लेकर भाजपा के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री जामवाल ने पूछताछ की तो पता चला सभी जानबूझकर बैठक से गायब हैं। ऐसे समय में जब अंबिकापुर से भाजपा ने राजेश अग्रवाल को अपना प्रत्याशी घोषित किया है जिसे जिताने की जिम्मेदारी सभी पदाधिकारियों पर है किंतु वे जानबूझकर भाजपा की नैया डुबाने में लगे हैं। इसको लेकर बैठक में ही चर्चा होने लगी तो जामवाल काफी नाराज हुए।
*हम न कभी जीतेंगे,और न किसी को जीतने देंगे।*