अंबिकापुर। एयर कंडीशन कमरों में बैठकर जंगलों की सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण का राग अलापने वाले वन विभाग के अधिकारी ही पेड़ों की कटाई करवा रहे हैं। चौंकिए मत.. यह सही है। मैदानी कर्मचारी कह रहे हैं कि हम तो छोटे कर्मचारी है। अधिकारियों का आदेश है इसलिए पेड़ कटवा दिए।
दरअसल गुरुवार को मुख्य वन संरक्षक, वनमण्डलाधिकारी कार्यालय के ठीक पीछे स्थित बांस बाड़ी में स्वचलित आरा मशीन से हरे-भरे पेड़ों की कटाई की जा रही थी। विभाग के कर्मचारी बिना किसी डर-भय के एक के बाद एक पेड़ों की कटाई कर रहे थे। कुछ वर्षों पूर्व इन पौधों को लगाया गया था। तेजी से ये पौधे बढ़ रहे थे। बांस बाड़ी शहर का समृद्ध जंगल माना जाता है। यहां पेड़ों की कटाई के बाद अधिकारी अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है। यदि ऐसी ही कटाई कोई साधारण व्यक्ति अपने खेत में लगे पेड़ों की कटाई कर देता तो अधिकारी-कर्मचारी उसपर कार्रवाई के लिए अड़े रहते लेकिन हरे-भरे पेड़ो की बलि लेने वाले वन कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं। वन विभाग के कार्यालय के पीछे बांस बाड़ी में गुरुवार को वनकर्मियों ने ही हरे-भरे पेड़ों की कटाई कर दी। एक साथ दर्जनों पेड़ों को चलित आरा मशीन से काट दिया गया। कम ऊंचाई और मोटाई के ये पेड़ अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हुए थे। अधिकारियों की जानकारी में पेड़ों की कटाई की गई। इसका उपयोग विभागीय कार्य मे बल्ली के रूप में करने की मंशा है।
बांस बाड़ी अंबिकापुर शहर के सबसे नजदीक का हरियाली युक्त क्षेत्र है। प्रतापपुर रोड, रामानुजगंज रोड के संजय पार्क से लगे बांस बाड़ी में कई प्रजाति के पेड़-पौधे हैं। यह जैव विविधता का बड़ा केंद्र भी हैं। यहां पेड़ों की कटाई का मामला सामने आने के बाद अधिकारी अलग-अलग दलील दे रहे हैं। बांस बाड़ी के नजदीक ही वन विभाग के सभी कार्यालय संचालित हैं। वहां पेड़ों की कटाई को लेकर वन विभाग भी अब सवालों के घेरे में हैं। मौके पर उपस्थित मैदानी वन कर्मचारियों ने दावा किया कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर पेड़ों की कटाई की गई है। वे छोटे कर्मचारी है। उच्चाधिकारियों के निर्देश का सिर्फ पालन किया गया है।
मामले में एसडीओ वन जेनी ग्रेस कुजूर का कहना है कि नीलगिरी के छोटे पेड़ थे। इनकी संख्या एक ही स्थान पर काफी अधिक हो गए थे। पेड़ों में वृद्धि के लिए इनके बीच दूरी होनी चाहिए। पेड़ों का घनत्व कम करने के लिए ऐसा करना पड़ता हैं। पौधारोपण क्षेत्र में घने पेड़ो में गैप करने के लिए पेड़ को काटना बताया गया है। एक ओर वन विभाग पौधरोपण और जंगलों की सुरक्षा का राग अलापता है दूसरी ओर इस प्रकार पेड़ों की कटाई कराई जा रही है। अधिकारी इसके पीछे अलग-अलग कारण गिना कर पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहे है।