■ विद्यार्थियों एवं समुदाय में व्यवहार परिवर्तन की अनूठी पहल
अंबिकापुर। स्वच्छता पखवाड़ा 2023 की थीम कचरा मुक्त भारत व स्वच्छ भारत मिशन के 9 साल के उपलक्ष्य में 15 सितंबर से 2 अक्टूबर तक स्वच्छता पखवाड़ा- स्वच्छता ही सेवा 2023 का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर आज गांधी जयंती के दिन केशवपुर में कचरा पृथक्करण एवं संग्रहण केन्द्र का शुभारंभ किया गया।
इसी तारतम्य में स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी विद्यालय केशवपुर में कल 1 अक्टूबर को समुदाय के साथ मिलकर शाला परिसर की सफाई की गई। बच्चों ने स्वच्छता के इस पर्व में बढ-चढ़ कर हिस्सा लिया। विद्यालय परिसर में फुटबॉल मैदान की सफाई उत्साही बच्चों एवं उनके मार्गदर्शक शिक्षकों ने की। संस्था के प्राचार्य संतोष कुमार साहू के निर्देशन में विद्यालय में पदस्थ वरिष्ठ व्याख्याता अंचल कुमार सिन्हा की अनूठी पहल तथा मार्गदर्शन एवं सुश्री संस्कृति श्रीवास्तव शिक्षिका के प्रयास से आज गांधी जयंती के अवसर पर पूर्व प्राचार्य श्रीमती मालती शाक्य, हिंदी माध्यम व अंग्रेजी माध्यम के सभी शिक्षकों एवं एसएमडीसी के सदस्यों तथा ग्रामीणों की उपस्थिति में कचरा संग्रहण एवं पृथक्करण केंद्र का शुभारंभ विद्यालय परिसर में किया गया। कार्यक्रम के दौरान कचरो के पृथक्करण की विधि तथा इसका महत्व विस्तार से ग्रामीणों व उपस्थित विद्यार्थियों को समझाया गया। अंचल कुमार सिन्हा ने कहा कि स्वच्छता अभियान के लिए सामुदायिक भागीदारी पर अधिक ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है और शिक्षकों को आस-पास के क्षेत्रों में स्वच्छता और जागरूकता अभियान चलाकर जागरूक करने की आवश्यकता है। शिक्षकों और विद्यार्थियों को स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ मिलकर स्थानीय क्षेत्रों में जनता के बीच स्वच्छता पखवाड़ा की थीम का प्रचार किया गया। सुश्री संस्कृति श्रीवास्तव शिक्षिका ने इस दौरान पाँच आर रिफ्यूज़ (अस्वीकार करना), रीडयुस (उपयोग कम करना), रीयूज (बार बार उपोग करना), रिसायकल (पूनःचक्रण), रिफार्म (स्वरूप बदलकर उपयोग करना) और राट (खाद बनाना) पर विशेष जोर दिया तथा बताया की कैसे कचरे से पैसा भी कमाया जा सकता है। द्वितीय दिवस गांधी जयंती के दिन स्वच्छता जागरूकता दिवस के अन्तर्गत विद्यालय के समस्त विद्यार्थियों एवं ग्रामीणों को स्वच्छता के प्रति सचेत किया गया उन्हें बताया गया की गंदगी से ही बीमारियां जन्म लेती हैं यदि हम स्वयं के साथ-साथ अपने आसपास सफाई रखेंगे तो हम अपने परिवार को खुशहाल रख पाएंगे। महिलाओं को जागरूक करने के लिए बच्चे एवं शिक्षिकायों ने गांव में घूमकर कई महिलाओं को एक जगह एकत्रित कर प्लास्टिक प्रदूषण, खुले में शौच, पानी की बर्बादी, धूल/धुएं से मुक्त हवा और अन्य पर्यावरण विरोधी प्रथाओं के बारे में जागरूकता पर विशेष ध्यान देने के साथ आसपास को स्वच्छ रखने के लिए व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया गया। इस कार्यक्रम में सुनील सिंह, अनिल त्रिपाठी, नीतू यादव, वंदना महथा, विकासचंद्र श्रीवास्तव, सतीश पटेल एवं सभी कर्मचारियों का योगदान सराहनीय रहा।