■ अष्टमी व नवमीं का सुखद रहा संयोग
अंबिकापुर। शारदीय नवरात्र पर आज रविवार को अष्टमी व नवमीं का सुखद संयोग रहा। सुबह 4 बजे से ही मां महामाया के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ जुट गई। मंदिरों सहित दुर्गा पंडालों में भी माता के भक्तों की भीड़ शाम को उमड़ पड़ी। राजसी परंपरा का निर्वहन करते हुए सरगुजा रियासत के वर्तमान महाराजा टीएस सिंहदेव व युवराज आदित्येश्वर शरण सिंहदेव व उनकी पत्नी द्वारा दोपहर 3 बजे से महामाया मां का विशेष श्रृंगार कर विशेष पूजा-अर्चना की गई।
अष्टमी व नवमीं का सुखद संयोग में कन्या भोज सहित अनेक धार्मिक आयोजन किए गए। कन्या पूजन व भोज का सिलसिला दशहरा तक जारी रहेगा। महानवमीं पर नगर के मंदिरों व शक्तिपीठों में भी हवन-पूजन के साथ कन्या पूजन का आयोजन किया गया। ग्रामीण अंचल में भी नवरात्रि पर विशेष पूजा-अर्चना की गई। शहर के महामाया मंदिर-दुर्गा मंदिर सहित सभी दुर्गा पंडालों में भक्तों की भारी भीड़ लगी रही। श्रद्धालुओं ने जगह-जगह भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया।
■ राजसी परंपरा का हुआ निर्वहन
राजसी परंपरा का निर्वहन करते हुए आज रविवार को महाअष्टमी व महानवमी के संधि पर दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक आम लोगों के लिए महामाया मंदिर का पट बंद कर दिया गया था। सरगुजा रियासत के वर्तमान महाराज टीएस सिंहदेव व युवराज आदित्येश्वर शरण सिंहदेव व उनकी पत्नी ने आज महामाया मां का विशेष श्रृंगार कर विशेष पूजा-अर्चना किया। समलाया मंदिर में भी विशेष पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद आम लोगों के दर्शन के लिए मां महामाया का पट खोल दिया गया। इस दौरान उनके साथ राजपरिवार के सदस्य व राजपुरोहित व मां महामाया मंदिर के पुरोहित उपस्थित थे।