सूरजपुर। राज्य में केवल हरित पटाखों का उपयोग एवं विक्रय ही हो सकेगा। साथ ही दीपावली, छठ, गुरू पर्व, नव वर्ष व क्रिसमस के अवसर पर पटाखों को फोड़ने के लिए दो घंटे की अवधि निर्धारित की गई है। उच्चतम न्यायालय तथा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की मार्गदर्शिका के मुताबिक पटाखों के उपयोग के संबंध में निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। दीपावली के लिए रात्रि 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक, छठ पूजा के लिए सुबह छह बजे से सुबह 8 बजे तक, गुरु पर्व के लिए रात 8 बजे से रात 10 बजे तक समय निर्धारित किया गया है। क्रिसमस, नया वर्ष के लिए रात्रि 11 बजकर 55 मिनट से रात्रि 12 बजकर 30 मिनट का समय निर्धारित किया गया है।
उच्चतम न्यायालय द्वारा 23 नवंबर 2018 को पारित आदेश के मुताबिक पटाखों के उपयोग के संबंध में कुछ अन्य निर्देश भी दिये गए हैं। इनमें कम प्रदूषण उत्पन्न करने वाले इम्प्रूव्ड एवं हरित पटाखों की बिक्री केवल लाइसेंस्ड धारक द्वारा किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही केवल उन्हीं पटाखों को उपयोग के लिए बाजार में बेचा जा सकेगा जिनसे उत्पन्न ध्वनि का स्तर निर्धारित सीमा के भीतर हो। सीरीज पटाखे अथवा लड़ियों की बिक्री, उपयोग एवं निर्माण प्रतिबंधित किया गया है। पटाखों के ऐसे निर्माताओं का लाइसेंस भी रद्द करने के निर्देश दिये गये हैं जिनके द्वारा पटाखों में लीथियम, आर्सेनिक, एन्टिमनी, लेड एवं मर्करी का उपयोग किया गया है। आनलाईन अर्थात ई-व्यापारिक वेबसाइटों जैसे फ्लिपकार्ट, अमेजान आदि से पटाखों की बिक्री प्रतिबंधित रहेगी। उक्त निर्देशों के कड़ाई से पालन के निर्देश जिला प्रशासन को दिये गये हैं।
राज्य में हरित पटाखों का ही होगा विक्रय, दीपावली में 2 घंटे ही फोड़ सकेंगे पटाखे
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