अंबिकापुर । संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज के गृहग्राम श्रीकोट धाम में संत सनातन समाज के अनुयायियों द्वारा संत गहिरा गुरु रामेश्वर स्वामी एवं मां पूर्णिमा का पुरुषोत्तम मास (अधिक मास) में अखंड नाम जाप, भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। यज्ञ पूर्णाहुति के साथ नाम यज्ञ कीर्तन का समापन किया गया। संत समाज रायगढ़, सरगुजा, जशपुर बलरामपुर जिला के साथ क्षेत्र के बड़ी संख्या में अनुयायी एवम जिलों से आए श्रद्धालुओं द्वारा लगभग एक महीने भर से हरे रामेश्वराय एवम मां पूर्णिमा के नाम का जप कीर्तन किया गया। पूर्णाहुति के बाद श्रीकोट धाम में भंडारे का भी आयोजन किया गया।
जिस प्रकार से सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित है, ठीक उसी प्रकार पुरुषोत्तम मास का यह महीना भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है। श्रावण मास के 18 जुलाई से 16 अगस्त तक अधिक मास था। सावन में अधिक मास का संयोग पूरे 19 साल बाद बना। संत सनातन समाज के अनुयायियों द्वारा संत गहिरा गुरु रामेश्वर स्वामी एवं मा पूर्णिमा का पुरुषोत्तम मास (अधिक मास) में अखंड नाम जाप, भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। आश्रम के संस्थापक ऋषेश्वर महाराज ने बताया कि इस वर्ष में श्रावण मास दो होने के चलते आश्रम में एक महीने तक अखंड राम नाम जप का आयोजन किया गया। संत गहिरा गुरु का जन्म रायगढ़ जिले के गहिरा नामक ग्राम में एक जनजातीय कंवर परिवार में सन 1905 में श्रावण मास में हुआ था। यह गहिरा ग्राम लैलूंगा से 15 किलोमीटर की दूरी पर ओडिसा से लगे सघन वनों से घिरा पर्वतीय क्षेत्र है। इनकी माता का नाम सुमित्रा एवम पिता का नाम बुदकी कंवर था। बचपन में इनका नाम रामेश्वर था, लेकिन गहिरा ग्राम में जन्म लेने के कारण इनका नाम गहिरा गुरु हो गया। सन 1943 में श्रावण मास की अमावस्या में इन्होंने सनातन धर्म संत समाज की स्थापना की। सुदूर वनांचल में इतनी ख्याति हो गयी कि लोग इन्हें लोग भगवान का अवतार मानने लगे। संत गहिरा गुरु ने कुसमी विकासखंड के ग्राम श्रीकोट, सहित जशपुर, रायगढ़ जिले जैसे सुदूर वनांचलों में भ्रमण कर सनातन धर्म के प्रति वनवासी समाज व ग्रामवासियों के मन में आस्था की ज्योति जलाई। जिससे हिंदू धर्म में इनके नाम का आश्रम का दूर दूर तक प्रचार प्रसार होने के चलते सभी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में भक्तगण आश्रम की सेवा में लग कर आश्रम के साथ निरंतर सनातन समाज की सेवा में लग गए एवम आज भी सभी भक्तगण काफी श्रद्धा के साथ आश्रम के साथ है ।
श्रीकोट आश्रम में संसदीय सचिव से संत समाज की बंद कमरे में बैठक
संत सनातन अनुयायियों द्वारा गहिरा गुरु के मंझले पुत्र सामरी विधायक व संसदीय सचिव चिंतामणी महाराज से बंद कमरे में बैठक की गई। इस बैठक को आगामी चुनाव की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। संत समाज से जुड़े लोगों की आस्था के अनुरूप हर निर्णय यह परिवार लेता रहा है।आयोजन के दौरान भजन – कीर्तन करने से पूरा माहौल भक्तिमय रहा।