अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर इन दिनों सिर्फ एक ही बात लोगों की जुबान पर है। शासकीय, अशासकीय कर्मचारियों के साथ राजनीतिक चर्चाओं में मशगूल लोग एक दूसरे से मिलते ही सिर्फ एक ही बात पूछते हैं… कब लगेगा आचार संहिता……!
आचार संहिता लगते ही पूरा प्रशासनिक अमला चुनाव कार्य मे व्यस्त हो जाएगा। राजनीतिक दलों में अभी भी प्रत्याशी चयन को लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई है। संभाग भर में अभी तक भाजपा ने ही मात्र पांच सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की है। कांग्रेस ने अभी तक किसी भी प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। सर्वाधिक चर्चा दोनों ही राजनीतिक दल से जुड़े लोगों के बीच है, वह है अंबिकापुर विधानसभा सीट…! यहां कांग्रेस की ओर से चौथी बार डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव चुनाव मैदान में होंगे किंतु भाजपा में अभी भी असमंजस बरकरार है।बावजूद लोग अपनी अपनी ओर से तीन नाम पर ज्यादा चर्चा कर रहे हैं, इनमें वरिष्ठ भाजपा नेता अनिल सिंह मेजर, वरिष्ठ पार्षद आलोक दुबे व लखनपुर के पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष राजेश अग्रवाल का नाम चर्चाओं में है।
पिछले चुनावी वर्ष 2018 में निर्वाचन आयोग ने छह अक्टूबर को आचार संहिता की घोषणा कर दी थी। छत्तीसगढ़ में दो चरणो में मतदान हुआ था। पहला चरण 12 नवम्बर को और दूसरा चरण 20 नवम्बर को हुआ था। जबकि मतो की गणना 11 दिसम्बर को हुई थी। ऐसे में छह अक्टूबर का समय बीत जाने के बाद भी आचार संहिता अब तक नहीं लग सका है। जानकारी के अनुसार यह संकेत मिल रहा है कि इस बार चुनाव पूर्व निर्धारित तिथियों से आगे बढ़ सकती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2008 में पांच अक्टूबर को, 2013 में चार अक्टूबर को और 2018 में छह अक्टूबर को आचार संहिता लागू हो गई थी। विभिन्न राजनैतिक दलों सहित आमजनो को भी निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव तिथि की घोषणा का इंतजार है। साथ ही दोनो ही दलों के प्रत्याशियों के नामो का भी इंतजार बेसब्री से किया जा रहा है। सरगुजा जिले में तीन विधानसभा सीट, सूरजपुर जिले में तीन विधानसभा सीट, बलरामपुर जिले में दो विधानसभा सीट, अविभाजित कोरिया जिले में कुल तीन विधानसभा सीट और जशपुर जिले में तीन विधानसभा सीट हैं। संभाग में कुल 14 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं।
2018 में इनके बीच हुआ था मुकाबला
पिछले विधानसभा चुनाव 2018 में सरगुजा से कांग्रेस प्रत्याशी टीएस सिंहदेव ने भाजपा के प्रत्याशी अनुराग सिंहदेव को एक बड़े अंतर से हरा जीत हासिल की थी। सीतापुर विधानसभा में कांग्रेस से अमरजीत भगत ने भाजपा प्रत्याशी राजाराम भगत को हरा जीत दर्ज की थी। लुंड्रा विधानसभा में डॉ प्रीतम राम ने भाजपा के विजयनाथ सिंह को हराया था। सामरी विधानसभा से चिंतामणि महराज ने भाजपा के सिध्दनाथ पैकरा को बड़े अंतर से हराया था। रामानुजगंज विधानसभा सीट से कांग्रेस के बृहस्पत सिंह ने भाजपा के रामकिशुन सिंह को परास्त किया था। प्रतापपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के डॉ प्रेमसाय सिंह ने भाजपा के रामसेवक पैकरा को हरा जीत दर्ज की थी। डॉ प्रेमसाय सिंह सरगुजा संभाग में सर्वाधिक 43 हजार मतों से जीते थे। भटगांव विधानसभा सीट से कांग्रेस के पारसनाथ राजवाड़े ने भाजपा की प्रत्याशी रजनी त्रिपाठी को हराया था। सूरजपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के खेलसाय सिंह ने भाजपा के स्व. विजय प्रताप सिंह को हराया था।भरतपुर सोनहत सीट से कांग्रेस प्रत्याशी गुलाब कमरो और भाजपा प्रत्याशी चम्पादेवी पावले के बीच हुए मुकाबले में कांग्रेस के गुलाब कमरो पहली बार विधायक के रूप में चुने गये। मनेन्द्रगढ़ विधानसभा में कांग्रेस के डॉ विनय जायसवाल ने भाजपा के श्यामबिहारी जायसवाल को हराया था।बैकुण्ठपुर विधानसभा में कांग्रेस से अम्बिका सिंहदेव ने भाजपा के प्रत्याशी भईयालाल राजवाडे को हरा जीत दर्ज की थी। जशपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के विनय कुमार भगत ने भाजपा के गोविंद राम को परास्त किया था।पत्थलगांव विधानसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामपुकार सिंह ने भाजपा के शिवशंकर पैकरा को हराया था। कुनकुरी विधानसभा सीट से कांग्रेस के यूडी मिंज ने भाजपा के भरत साय को शिकस्त दी थी। सरगुजा संभाग की कुल 14 सीटों पर कांग्रेस ने एकतरफा जीत हासिल कर अपना परचम लहराया था।
दावेदारों की लंबी फेहरिस्त, वर्तमान विधायकों की बढ़ी चिंता
संभाग भर में दोनों ही राष्ट्रीय दल भाजपा व कांग्रेस के अनेक दावेदार मैदान में है। लेकिन संभाग की 5 सीटों पर भाजपा को छोड़कर अभी तक दोनों ही पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। ऐसे में हर कोई अपने हिसाब से दावेदारो के नाम पर अंतिम मोहर लगा रहा है। अधिकृत सूची जारी होने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि इस बार मुकाबला कितना रोचक होगा।