अंबिकापुर। शनिवार सुबह पूरा सरगुजा घने कोहरे से ढक गया। कोहरे के कारण 50 मीटर दूर तक भी स्प्ष्ट नजर आना मुश्किल हो गया था। उत्तर छत्तीसगढ़ में पश्चिमी विक्षोभ का असर कम होते ही आज समूचे इलाके में घना कोहरा छाया हुआ है। खुले मैदान और खेतों के हरियालीयुक्त स्थलों पर कोहरा सबसे ज्यादा घना है। 2 दिसंबर को इस सीजन का सर्वाधिक घना कोहरा रिकार्ड किया गया है।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार अभी भी विक्षोभ का असर समाप्त नहीं हुआ है। इसलिए आसमान में हल्के बादल छाए रहेंगे। शनिवार सुबह से घना कोहरा छाने के कारण वाहनों की गति पर भी असर पड़ा है। वाहनों की लाइट जलाकर लोग आना-जाना कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से उत्तर छत्तीसगढ़ का मौसम बदला हुआ है। तीन दिनों से आसमान में बादल छाए हुए थे। कुछ इलाकों में तेज बारिश भी हुई थी। अंबिकापुर शहर सहित आसपास के इलाके में पिछले दो दिनों से बूंदाबांदी भी हो रही थी। उत्तर भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के असर के कारण सरगुजा संभाग के मौसम में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। मौसम में उतार चढ़ाव के बीच शनिवार सुबह जब लोग सो कर उठे तो मौसम पूरी तरीके से बदला हुआ था। चारों ओर घना कोहरा छाया हुआ था। कोहरे के कारण दृश्यता कम हो गई थी। दो पहिया, चार पहिया वाहनों के चालकों को आवागमन में भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। लाइट जलाने के बाद भी ज्यादा दूरी तक कुछ भी स्पष्ट दिखाई नहीं दे रहा था। शहर के ज्यादातर स्कूल सुबह लगते है इसलिए अभिभावक भी बच्चों को लेकर सावधानी से आना-जाना कर रहे थे। ऐसे स्थल जहां पेड़ पौधे अधिक है, वहां कोहरे के कारण पत्तियों में जमी ओस की बूंदे पानी की तरह टपक रही थी। मध्य रात्रि के बाद से ही कोहरा छाने लगा था। लंबी दूरी की यात्री बसें भी निर्धारित समय से विलंब से गंतव्य तक पहुंची है। अभी भी कोहरा छाया हुआ है। धूप नहीं निकली है। मौसम पूर्वानुमानों के अनुरूप कोहरा छंटने और मौसम खुलने के बाद कड़ाके की ठंड पड़ेगी। उत्तर छत्तीसगढ़ में अभी तक ठंड पूरी तरीके से जोर नहीं पकड़ सकी थी। एक दिन न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे जरूर पहुंच गया था लेकिन विक्षोभ के प्रभाव से बादल छा जाने के कारण दिन और रात के तापमान में वृद्धि होने लगी थी। मौसम साफ होने के बाद ठंड के तेवर और तीखे होंगे।