■ छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में पदमश्री फुलबासन के साथ करेंगे 100 किलोमीटर की सामाजिक अध्ययन पदयात्रा
रायपुर। देश के अलग-अलग हिस्सों से आए 40 से अधिक युवा छत्तीसगढ़ के अलग-अलग हिस्सों में सामाजिक गतिविधियों को समझने के लिए पदयात्रा करेंगे। यह युवा सेवा इंटरनेशनल के फैलोशिप प्रोग्राम के तहत राजनांदगांव में एकत्रित हुए हैं। सेवा इंटरनेशनल की प्रबंधक हेमुल बताती है कि छत्तीसगढ़ की समृद्ध विरासत और यहाँ का जनजीवन लोगों को प्रभावित करने वाला हैं।
गौरतलब है कि इस साल सेवा फैलोशिप में देशभर के विभिन्न राज्यों के 40 से अधिक युवा साथ जुड़े हैं, यह युवा पांच दिन तक छत्तीसगढ़ के अलग-अलग हिस्सों में पद यात्रा करेंगे और इस दौरान सामाजिक गतिविधि, सामाजिक संगठनों की भूमिका, ग्रामीण व वनवासियों का जीवन आदि को समझने की कोशिश करेंगे। इन युवाओ का उद्देश्य भविष्य में सामाजिक कार्य करना है और यह युवा जब सामाजिक संगठनों के साथ काम करेंगे तो अपने अनुभव के आधार पर अपने क्षेत्र में परियोजनाओं का निर्माण कर सकेंगे ।
सेवा फ़ेलोशिप के प्रमुख कुमार सुभम बताते हैं कि इस यात्रा में युवाओं के अलावा सामाजिक क्षेत्र में काम कर रहे सामाजिक संगठनों के प्रमुख भी साथ जुड़ेंगे ताकि वह सामाजिक गतिविधियों के बारे में युवाओं को बताते चले। कुमार ने इस बात पर जोर देते हुए कहते है कि आज के युवाओं को ग्रामीण जनजीवन और लोक आधारित विषय वस्तुओं समझ उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है, यही फेलो जब सामाजिक संगठनों के साथ काम करेंगे तो उनके मन मस्तिष्क में स्थानीय समस्या और समाधान की समुचित जानकारी सहज रूप से प्रतिबिंबित हो इसलिए यह पद यात्रा महत्वपूर्ण हो जाता हैं। वही कार्यक्रम में स्थानीय ग्रामीण जन और प्रबुद्ध जन भी उपस्थित है जिसमें पदमश्री फुलबासन, शिव कुमार देवगन, गणेश रेड्डी, इम्तियाज़ अली, वैभव सौरंगे, अभय महाजन, नीलेश मंत्री, आदि प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे।
27 नवंबर से ग्रामीण परिवेश में यात्रा प्रारंभ होगी
24 नवम्बर को विभिन्न राज्यों से पहुंचे 40 से अधिक पदयात्रियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम तीन दिनों का रायपुर में सेवा इंटरनेशनल संस्था द्वारा कराया गया है। जिसके बाद में फील्ड में 5 दिन व्यतीत करते हुए छत्तीसगढ़ के विभिन्न ग्रामों के सामाजिक, आर्थिक गतिविधियों का अध्ययन सहित क्षेत्र में सामाजिक संगठनों की सहभागिता एवं वनवासियों के बीच किये जा रहे कार्यों का अध्ययन करेंगे। कल 27 नवंबर से ग्रामीण परिवेश में यात्रा प्रारंभ होगी।