अंबिकापुर @thetarget365 बेरोजगार युवाओं को नौकरी का लालच देकर ठगी करने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने एक व्यक्ति से ब्लॉक प्रभारी पद पर नियुक्ति दिलाने के नाम पर 1.5 लाख रुपये लिए थे, लेकिन बाद में नौकरी न लगने पर पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
ठगी की पूरी कहानी
जानकारी अनुसार, बजरु टोप्पो निवासी ठाकुरपुर, थाना गांधीनगर ने 18 जनवरी 2025 को थाना मणिपुर में रिपोर्ट दर्ज कराई। शिकायत में बताया गया कि उसकी पहचान जनवरी 2024 में डिगंबर राम भगत उर्फ अंबर और बसील खलखो से हुई थी। आरोपियों ने उसे झांसा दिया कि 1.5 लाख रुपये जमा करने पर उसे ब्लॉक प्रभारी के पद पर नियुक्ति मिल जाएगी, जिससे वह हर महीने 70 हजार से 1 लाख रुपये कमा सकेगा।
बजरु टोप्पो आरोपियों के झांसे में आ गया और जून 2024 में 1.5 लाख रुपये दे दिए। रकम लेने के बाद आरोपी लगातार नौकरी के नाम पर बहाने बनाते रहे। जब प्रार्थी ने आरोपियों के दर्रीपारा ऑफिस जाकर पूछताछ की, तो उसे पता चला कि इन लोगों ने कई अन्य लोगों से भी नौकरी लगाने के नाम पर पैसे लिए हैं, लेकिन किसी को भी नौकरी नहीं मिली।
पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी
बजरु टोप्पो की शिकायत पर थाना मणिपुर में धारा 420, 34 भा.द.वि. के तहत मामला दर्ज कर विवेचना शुरू की गई। पुलिस टीम ने आरोपियों की तलाश कर उन्हें हिरासत में लिया और पूछताछ की। पूछताछ में डिगंबर भगत 40 वर्ष, निवासी मानिकप्रकाशपुर भण्डारपारा, थाना कोतवाली अंबिकापुर और बसील खलखो 35 वर्ष, निवासी महुआपारा, चर्च के पास, थाना गांधीनगर ने अपराध स्वीकार कर लिया।
बरामदगी और बैंक खाते फ्रीज
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 10,000 रुपये नगद और दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं। शेष ठगी की रकम आरोपियों ने अपने बैंक खातों में जमा कर रखी थी, जिसे पुलिस ने फ्रीज करा दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद यह राशि पीड़ित को वापस दिलाई जाएगी।
पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने नौकरी लगाने के नाम पर कई अन्य लोगों से भी पैसे लिए थे, लेकिन किसी की भी नौकरी नहीं लगाई। पुलिस अब अन्य पीड़ितों की जानकारी जुटा रही है, ताकि और भी मामले सामने आ सकें। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अपराध साबित होने पर उन्हें गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है। साथ ही, अन्य ठगी के मामलों की जांच भी जारी है।
इस पूरी कार्रवाई में थाना प्रभारी मणिपुर उप निरीक्षक अखिलेश सिंह, सहायक उप निरीक्षक शौकीलाल राज, सहायक उप निरीक्षक धीरज गुप्ता, प्रधान आरक्षक सतीश सिंह, मदन गोपाल परिहार, आरक्षक उमाशंकर साहू, अनिल सिंह और साइबर सेल से आरक्षक जितेश साहू, रमेश राजवाड़े की अहम भूमिका रही।