अंबिकापुर @thetarget365 : सरगुजा जिले की मणिपुर पुलिस ने शॉपिंग मॉल में कमरा देने के नाम पर 12 लाख 35 हजार रुपये की ठगी करने वाले आरोपी को त्वरित कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से ठगी की रकम से खरीदी गई सियाज कार, 01 मोबाइल और घटना में प्रयुक्त 02 मोबाइल बरामद किए हैं। जब्त किए गए सामान की कुल कीमत लगभग 12 लाख रुपये आंकी गई है।
जान-पहचान के बाद दिया ठगी को अंजाम
मामले की शिकायत अशोक गुप्ता निवासी नमनाकला, रिंग रोड, अंबिकापुर, थाना गांधीनगर ने दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि रासपाल सिंह बागड़िया निवासी ग्रीन गार्डन कॉलोनी, शुभम बिहार, मंगला, बिलासपुर वर्ष 2022 में उनके होटल लक्ष्मी होटल, रिंग रोड में ठहरा था। लंबे समय तक रुकने के दौरान दोनों के बीच अच्छी जान-पहचान हो गई।
इसी दौरान रासपाल सिंह बागड़िया ने अंबिकापुर देवीगंज रोड पर एक शॉपिंग मॉल बनाने की योजना बताई और कहा कि इसमें वह अशोक गुप्ता को भी दो कमरे उपलब्ध कराएगा। उसने निवेश के रूप में कुछ एडवांस राशि देने की मांग की। इस पर अशोक गुप्ता ने तीन किस्तों में कुल 14.35 लाख रुपये दिए। गारंटी के तौर पर आरोपी ने आईडीएफसी बैंक का एक चेक दिया, लेकिन रिपोर्ट दर्ज होने तक केवल 02 लाख रुपये ही वापस किए। जब शेष 12.35 लाख रुपये की मांग की गई, तो आरोपी ने टालमटोल शुरू कर दी और बाद में मोबाइल बंद कर लिया।
प्रार्थी की शिकायत पर थाना मणिपुर पुलिस ने धारा 420 भा.दं.वि. के तहत पंजीबद्ध कर विवेचना शुरू की। विवेचना के दौरान आरोपी रासपाल सिंह बागड़िया को धारा 35(3) बीएनएसएस का नोटिस जारी किया गया और पूछताछ के लिए उपस्थित होने को कहा गया। लेकिन नोटिस के बावजूद वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा था। इसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में लिया और कड़ी पूछताछ की। पूछताछ में रासपाल सिंह बागड़िया 50 वर्ष ने 12.35 लाख रुपये की ठगी करना स्वीकार किया।
ठगी की रकम से खरीदी गई कार और मोबाइल जब्त
पुलिस ने आरोपी के कब्जे से-
✅ घटना में प्रयुक्त 02 मोबाइल फोन
✅ ठगी की रकम से खरीदी गई मारुति सुजुकी सियाज कार (CG/27/M/2597)
✅ 01 अन्य मोबाइल फोन
कुल मिलाकर 12 लाख रुपये की संपत्ति जब्त की गई।
आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिलने के बाद उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। इस पूरी कार्रवाई में थाना प्रभारी मणिपुर उप निरीक्षक अखिलेश सिंह, सहायक उप निरीक्षक शौकी लाल राज, प्रधान आरक्षक सतीश सिंह, आरक्षक उमाशंकर साहू, कुश सोनी और सुरेश गुप्ता की महत्वपूर्ण भूमिका रही।