अंबिकापुर। सरकार ने बेहतर काम किया है। लोगों में कांग्रेस से नाराजगी कम है। कुछ विधायकों की स्थिति अलग है। कुछ विधानसभाओं में प्रत्याशी बदले जाने की मांग भी उठ रही है। उक्त बातें उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने चर्चा में कहीं।
श्री सिंहदेव ने कहा कि विधानसभा चुनाव 2023 में उत्तर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की कुछ सीटें घट सकती हैं। स्थिति अनुकूल नहीं हुई तो सीटें आधी भी हो सकती हैं। कांग्रेस ने समन्वय के साथ बेहतर प्रदर्शन किया तो 11 सीटें तक आ सकती हैं। सिंहदेव ने कहा कि वे स्वयं भी सर्वे करा रहे हैं। सरकार ने बेहतर काम किया है। लोगों में कांग्रेस को लेकर नाराजगी कम है। विधायकों की स्थिति अलग है। कुछ विधानसभाओं में प्रत्याशी बदले जाने की मांग भी उठ रही है। वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सरगुजा संभाग की सभी 14 सीटों पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। टीएस सिंहदेव पूर्व में ही कुछ प्रत्याशी बदले जाने के संकेत दे चुके हैं।
ढाई माह बाद नवंबर 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके लिए कांग्रेस भी सितंबर तक अधिकांश सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर सकती है। सरगुजा संभाग में आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की स्थिति को लेकर डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने चर्चा के दौरान कहा कि लोगों के मन में यह है कि कांग्रेस की स्थिति अच्छी है। सरकार ने जिस तरह से काम किया है, लोगों में कांग्रेस के प्रति नाराजगी कम है। कुछ विधानसभाओं में विधायकों ने कैसा समन्वय रखा, लोगों से कैसा संबंध रहा, संगठन के लोगों को कितना साथ लेकर चले, प्रमुख लोगों को कितना लेकर चले, कहीं अपने में तो सीमित नहीं हो गए.?
श्री सिंहदेव ने कहा कि पूरे प्रदेश में सामान्य वातावरण अच्छा है। कांग्रेस से नाखुशी नहीं दिखती। कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस पार्टी के काम को लोग स्वीकार कर रहे हैं। थोड़ा कम-ज्यादा रहता है, लेकिन संतोषप्रद नंबर मिल रहे हैं।
सरगुजा संभाग में आ सकतीं हैं 11 सीटें
सरगुजा संभाग की 14 विधानसभा क्षेत्रों को लेकर डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने कहा कि यहां 11 सीटें तक आ सकती हैं। आंकलन बहुत ज्यादा खराब हुआ और सब गड़बड़ रहा तो भी सीटें कम नहीं होंगी। अच्छे से सब संतुलन बैठ गया तो 11 सीटों में कांग्रेस जीत दर्ज कर सकती है।
विधायक झेल रहे संगठन का विरोध
कांग्रेस के पौने पांच साल के कार्यकाल में कुछ विधानसभा क्षेत्रों में उपेक्षित रहे कांग्रेस पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने सीधे विधायकों के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है और कुछ विधानसभाओं में संगठन के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस के टिकट के लिए दावेदारों के आवेदन के दौरान भी यह विरोध खुलकर सामने आ गया।