अंबिकापुर। विधानसभा चुनाव करीब आते ही क्षेत्र का सियासी पारा अचानक से काफी तेज हो गया है। विधानसभा चुनाव में काँग्रेस से टिकट की मांग करते हुए सभी दावेदारों ने एकमत होकर मंगरेलगढ़ में बैठक आयोजित की। इस बैठक में उन्होंने मौजूदा विधायक अमरजीत भगत को आदिवासी विरोधी एवं बाहरी प्रत्याशी बताते हुए संगठन से स्थानीय प्रत्याशी को काँग्रेस से टिकट देने की मांग की है। बैठक में सभी दावेदारों ने कहा कि अगर संगठन इस बार स्थानीय प्रत्याशी को टिकट नही देती हैं तो आगामी चुनाव में काँग्रेस को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
विदित हो कि इस बार विधानसभा चुनाव करीब आते ही काँग्रेसी खेमे में स्थानीय एवं बाहरी प्रत्याशी को लेकर घमासान मचा हुआ है। मौजूदा विधायक एवं कद्दावर खाद्यमंत्री अमरजीत भगत को बाहरी प्रत्याशी बता 15 लोगो ने काँग्रेस से टिकट की मांग करते हुए अपनी दावेदारी पेश की है।जिसमे फुलसाय लकड़ा, राजेश मिंज, बिगन राम तिग्गा, तेजकुमार बखला, शिवभरोष बेक, कृष्ण कुमार सिंह, मुन्ना टोप्पो, बलमदीना, मोतीलाल भगत, लक्षण लकड़ा, शांति देवी, अनिमा केरकेट्टा, सुशील कुमार सिंह, राजकुमार, आशा तिर्की ने टिकट के लिए अपनी दावेदारी पेश की है। कांग्रेस से टिकट की दावेदारी पेश करने वाले सभी 15 प्रत्याशियों ने सरगुजा के दौरे पर आई महिला काँग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय अध्यक्ष नेट्टा डिसूजा से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा था। उन्होंने स्थानीय एवं बाहरी प्रत्याशी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि मौजूदा विधायक 20 सालो से क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते आ रहे है। इस बार उनके बाहरी होने को लेकर क्षेत्र में काफी विरोध है।इसलिए इस बार मौजूदा विधायक का विरोध देखते हुए स्थानीय प्रत्याशी को कांग्रेस से टिकट दिया जाए। ताकि क्षेत्र में दशकों से चला आ रहा कांग्रेस की जीत इतिहास कायम रहा सके। अगर संगठन स्थानीय प्रत्याशी को टिकट नही देती है तो इस बार कांग्रेस को विरोध के साथ हार का मुँह देखना पड़ सकता। विधानसभा चुनाव को लेकर बाहरी एव स्थानीय प्रत्याशियों के बीच मचे खींचातानी के बीच सभी 15 दावेदारों ने मंगरेलगढ़ में अपने समर्थकों संग बैठक आयोजित की। जिसमे उन्होंने स्थानीय प्रत्याशी के बजाए बाहरी प्रत्याशी को टिकट मिलने पर विरोध करने की बात कही है।
इस संबंध में टिकट के दावेदार शिवभरोष बेक ने कहा कि विगत चार बार से क्षेत्र की जनता ने मौजूदा विधायक को क्षेत्र का विधायक बनाया है। उन्होंने 20 साल तक विधायक एवं मंत्री के रूप में काम किया। इसके बाद भी क्षेत्र पिछड़ापन का अभिशाप झेल रहा है। विकास के नाम पर यहाँ केवल बंदरबांट हुआ है। टिकट के दूसरे दावेदार मुन्ना टोप्पो ने कहा कि बाहरी प्रत्याशी होने के बाद भी अमरजीत भगत को क्षेत्र ने चार बार विधायक बनने का मौका दिया है। अब स्थानीय लोग चाहते है कि क्षेत्र का प्रतिनिधित्व स्थानीय लोग करे। इसलिए संगठन को क्षेत्र के लोगो की मंशा के अनुरूप स्थानीय प्रत्याशी को टिकट देना चाहिए। ताकि यहाँ से कांग्रेस की जीत का सिलसिला कायम रहा सके। इस बैठक के दौरान विधानसभा क्षेत्र से काफी संख्या में सर्व आदिवासी समाज के अलावा अन्य वर्ग के लोग भी शामिल थे।
खाद्यमंत्री को आदिवासी विरोधी एवं बाहरी प्रत्याशी बता स्थानीय दावेदारों ने की टिकट देने की मांग
Leave a comment