अंबिकापुर। प्राइवेट स्कूल ऑफ एसोसिएशन ने आरटीई के तहत बकाया राशि का भुगतान किए जाने की मांग को लेकर पूरे प्रदेश में आज निजी स्कूलों को बंद रखा। सरगुजा जिले के 268 निजी स्कूलों सहित संभाग के सभी छह जिलों के 1000 से अधिक निजी स्कूलों में ताला लटकता रहा। निजी स्कूल संगठन के पदाधिकारी ने संयुक्त संचालक शिक्षा संजय गुप्ता को ज्ञापन देकर स्कूलों के बकाया राशि भुगतान कराए जाने की मांग की है।
प्राइवेट स्कूल आफ एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने संयुक्त संचालक शिक्षा व जिला शिक्षा अधिकारी के नाम सौंपे ज्ञापन में बताया है कि पिछले 12 वर्षों से आरटीई की राशि में कोई वृद्धि नहीं की गई है। आरटीई की राशि प्राथमिक कक्षाओं में सात हजार से बढ़ाकर 18 हजार, माध्यमिक की 11,500 से बढ़ाकर 21 हजार एवं हाई और हायर सेकेण्डरी की अधिकतम सीमा को 15 हजार से बढ़ाकर 30 हजार तक किया जाए। बसों की अवधि जो छत्तीसगढ़ में 12 वर्ष है और देश के अधिकांश राज्यों में यह अवधि 15 वर्ष है। बसों की अवधि छत्तीसगढ़ में भी 15 वर्ष किया जाना चाहिए। निजी स्कूलों में पढ़ने वाली बालिकाओं को भी सरस्वती साइकिल योजना एवं शासन की अन्य योजनाओं का लाभ दिया जाए। आरटीई की रूकी हुई प्रतिपूर्ति राशि को अविलंब स्कूलों के खाते में स्थानांतरित किया जाए। आरटीई की राशि सत्र समाप्ति के साथ ही भुगतान किया जाए। निजी स्कूलों के सभी खातों को पीएफएमएस के अंतर्गत पंजीकृत किया जाए। गणवेश की राशि 540 रूपये से बढ़ाकर 2000 किया जाए।निजी विद्यालय में अध्ययनरत एसटी, एससी, ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों को मिलने वाली प्रीमैट्रिक एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति की राशि बढ़ाई जाए। निजी स्कूलों के अध्यापकों को स्कूली शिक्षा में भर्ती पर बोनस अंक प्रदान किया जाए जैसे आत्मानंद के शिक्षकों को किया जाता है। एसोसिएशन ने इन मांगों पर तुरंत संज्ञान लेते हुए अविलंब उचित कार्रवाई करने की मांग।
बंद रहे सरगुजा संभाग के 1000 से अधिक निजी स्कूल, नहीं मिली है शिक्षा के अधिकार की राशि
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