अंबिकापुर। शहर के नमनाकला में राजमोहिनी भवन के पीछे शासकीय जमीन का सीमांकन कर अतिक्रमण हटाने का निर्देश तहसीलदार नजूल ने दिया है। इस पूरे मामले में कार्रवाई को लेकर संदेह है कि जिन मैदानी कर्मचारियों पर अतिक्रमण कराने का संदेह जताया जा रहा है उन्हीं में से कुछ को सीमांकन कर तीन दिन के भीतर अतिक्रमण हटाने का जिम्मा दिया गया है।
नमनाकला में बेशकीमती जमीन पर अतिक्रमण के लिए बाउंड्रीवाल निर्माण को लेकर कलेक्टर से की गई शिकायत में राजस्व और नगर निगम के मैदानी कर्मचारियों की भूमिका को संदिग्ध बताया गया है। इस मामले में भी सीमांकन व अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के लिए गठित जांच कमेटी में उन कर्मचारियों को भी शामिल किया गया है जिनकी भूमिका इस पूरे प्रकरण में संदिग्ध है। ऐसे में निष्पक्ष जांच होगी इस पर भी संदेह है। कलेक्टर से शिकायत की गई थी कि नमनाकला मे मनेन्द्रगढ़ रोड पर 21.50 एकड़ जमीन जो वर्तमान राजस्व अभिलेखों में शासकीय मद में दर्ज है, उक्त भूमि पर राजस्व विभाग के मैदानी कर्मचारियों से सांठ-गांठ कर कुछ लोगों के द्वारा अवैध निर्माण कर कब्जा किया जा रहा है। कब्जा करने के लिए नियमविरुद्ध तरीके से बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए किसी प्रकार की कोई अनुमति नहीं ली गई है। कलेक्टर से आग्रह किया गया है कि 21.50 एकड़ भूमि के सीमांकन कर सुरक्षित किए जाने तक उक्त अवैध निर्माण कार्य पर रोक लगाना अत्यंत आवश्यक है। तहसीलदार नजूल ने राजस्व विभाग के मैदानी कर्मचारियों की टीम गठित की है। इस टीम में नजूल के राजस्व निरीक्षक रामदेव राम, सरयू राम पैकरा, नारायण सिंह के अलावा राजस्व निरीक्षक राजनंदन सिंह, राहुल सिंह तथा पटवारी श्रवण पांडेय, कमलकिशोर तिवारी, प्रदीप यादव व गणेश मिश्रा को शामिल किया गया है। इनके सहयोग के लिए पुलिस की भी मदद ली जाएगी। तहसीलदार नजूल ने जारी आदेश में कहा है कि अंबिकापुर के ग्राम नमनाकला मनेन्द्रगढ़ रोड़ पर स्थित भूमि रकबा 21.50 एकड़ शासकीय मद की भूमि पर कुछ लोगों के द्वारा अवैध निर्माण कर कब्जा किये जाने हेतु राजमोहनी भवन के पीछे बाउन्ड्रीवाल का निर्माण किया जा रहा है। भूमि का सीमांकन कर अवैध कब्जा हटाए जाने गठित टीम के सदस्यों को निर्देशित किया गया है कि तीन दिवस के भीतर सीमांकन कर अवैध कब्जा हटाया जाए। पालन प्रतिवेदन तहसीलदार नजूल न्यायालय में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। बीते 17 सितंबर 2023 को जारी आदेश के परिपालन में सीमांकन और कब्जा हटाने की कार्रवाई कब तक होती है यह भविष्य के गर्त में है लेकिन शहरी क्षेत्र में कलेक्टर के कड़े निर्देश के बाद भी बेशकीमती जमीन पर अतिक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है।शहरी क्षेत्र में अतिक्रमण को लेकर ऐसे आदेश अक्सर जारी किए जाते हैं। किसी आदेश में तीन दिन तो किसी मे सात दिन के भीतर सीमांकन व अतिक्रमण हटाने का आदेश होता है लेकिन कम ही ऐसे आदेश होते हैं जिनका पालन तय समय पर होता है। राजस्व विभाग के मैदानी कर्मचारी भी ऐसे मामलों में सीधे तौर पर कार्रवाई से बचने की कोशिश करते हैं। इस मामले में भी राजस्व विभाग के कुछ कर्मचारियों को वस्तुस्थिति की जानकारी है लेकिन उन्होंने कार्रवाई के लिए दस्तावेज बनाना तो दूर अधिकारियों को सूचना तक नहीं दी है।
जिन पर अतिक्रमण कराने का संदेह उन्हीं को सीमांकन कर कार्रवाई का जिम्मा, तहसीलदार ने जारी किया आदेश
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