★ एसईसीएल की खदान में उत्पादन करने वाली कंपनी ही बेचेगी कोयला
चिरमिरी (एमसीबी)। बंद कोयला खदानों से उत्पादन शुरू करने के लिए एसईसीएल ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। चिरमिरी क्षेत्र के बंद खदानों के शुरू होने से कोयला उत्पादन बढ़ेगा और क्षेत्र से हो रहे पलायन की समस्या पर विराम भी लगेगा। वहीं रोजगार के नए मार्ग प्रशस्त होंगे। अंजनहिल, बरतुंगा हिल खदान को लेकर रिटेंडर प्रक्रिया में है। खासबात यह है कि वर्ल्ड बैंक ने चिरमिरी की दो बंद खदानों को उद्योग स्थापना के लिए चयनित किया है।
बता दें कि एसईसीएल के सीएमडी डॉ. पीएस मिश्रा ने चिरमिरी क्षेत्र के दौरे में कहा था कि क्षेत्र से 10 मिलियन टन कोयला उत्पादन संभव है। इसके बाद प्रबंधन ने कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए पुरानी खदानों को फिर से शुरू करने के लिए नई संभावनाओं की तलाश में प्रयास शुरू कर दिया था।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में एसईसीएल चिरमिरी क्षेत्र का कोयला उत्पादन 2.5 मिलियन टन था। आगामी वर्ष में 3.5 मिलियन टन उत्पादन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कंपनी प्रबंधन द्वारा प्रयास किया जा रहा है। एसईसीएल के महाप्रबंधक नवनीत श्रीवास्तव ने बताया कि क्षेत्र के विकास की दिशा में खदानों के विस्तारीकरण का कार्य जारी है। कंपनी का लक्ष्य है कि चिरमिरी के खदानों का विस्तार कर उत्पादन बढ़ाया जाए। जिसके तहत अंजनहिल, बरतुंगा हिल खदान का विस्तारीकरण के लिए रिटेंडर प्रक्रिया में है। दोनों बंद खदानें एमडीओ (माइंस डेवलपमेंट और ऑपरेशन) मोड में रेवेन्यू समरी के आधार पर टेंडर की गई है। इसमें कोयले का उत्पादन करने वाली संस्था ही कोयले का विक्रय भी करेगी। इससे होने वाले लाभ का तय हिस्सा एसईसीएल को प्रदान करेगी।
★ खदानों की विस्तारीकरण प्रक्रिया शुरू
चिरमिरी क्षेत्र अंतर्गत खुली खदान रानी अटारी विजय वेस्ट, चिरमिरी एनसीपीएच व न्यू कुरासिया भूमिगत खदानों के विस्तारीकरण की प्रक्रिया के लिए भी क्षेत्रीय प्रबंधन द्वारा प्रयास जारी है। परिणाम जल्द ही देखने को मिलेगा। एसईसीएल के इस प्रयास से क्षेत्र से पलायन व स्थायित्व की समस्या कुछ समय के लिए हल होगा।
रिटेंडर प्रक्रिया में, खदानों में उत्पादन बढ़ने से पलायन की समस्या पर लगेगा विराम, एनसीपीएच ओल्ड खदान के लिए टेंडर
एसईसीएल प्रबंधन ने क्षेत्र के विकास के लिए बंद पड़े एनसीपीएच खदान को भी एमडीओ के तहत टेंडर करने का प्रस्ताव क्षेत्रीय स्तर पर तैयार किया है। इसे एक नए अध्याय के रूप में देखा जा रहा है। क्षेत्र में कोयला खदानों के विस्तारीकरण के साथ ही उत्पादन बढ़ेगा इससे क्षेत्र का विकास होगा।
महाप्रबंधक नवनीत श्रीवास्तव ने बताया कि चिरमिरी क्षेत्र की खदानों का विस्तारीकरण एसईसीएल सीएमडी के मार्गदर्शन अनुसार किया जा रहा है। वर्ल्ड बैंक ने वेस्ट चिरमिरी कॉलरी और एनसीसी (नार्थ चिरमिरी कॉलरी) के बंद खदानों को त्वरित परिवर्तन योजना के तहत चयनित किया है। इसका भी कार्य शुरू हो गया है। वर्ल्ड सर्वे बैंक द्वारा बंद खदानों में उद्योग स्थापित किया जाएगा। इससे खदानों के बंद होने के बाद होने वाले पलायन को रोका जा सके।