★ हसदेव अरण्य क्षेत्र में परसा कोल खदान के विरोध में बैठे ग्रामीणों के बीच पहुंचे टीएस सिंह देव
अंबिकापुर। पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने कहा है कि ग्रामीण जन एक राय होकर खदान के लिए जमीन देने से मना कर देंगे तो दुनिया की कोई ताकत उनकी जमीन नहीं ले सकती। हम ग्रामीणों के निर्णय के साथ हैं। प्रशासन और पुलिस दबाव देकर खदान नहीं खुलवा सकते, बल पूर्वक दमन से विद्रोह उपजेगा।
हसदेव अरण्य क्षेत्र में परसा कोल खदान के विरोध में पिछले पांच सौ दिन से धरने पर बैठे ग्रामीणों के बीच पहुंचे पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा पुरानी खदान जिसकी स्वीकृति पहले हो चुकी है उसका विरोध नहीं है। हरिहरपुर, फतेहपुर सहित अन्य प्रभावित गांव के लोग नई खदान के विरोध में हैं। कांग्रेस पार्टी आदिवासियों और वनवासियों के साथ है। राहुल गांधी की पहल पर केंद्र में यूपीए की सरकार ने भूमि अधिग्रहण पर कानून बनाया है। गांव के कम से कम 70% भूमि स्वामी एक राय होकर जो भी निर्णय लेंगे शासन प्रशासन उसे निर्णय को मानने के लिए बाध्य होगा। वनों की कटाई के लिए प्रशासन की सख्ती और हथियारबंद पुलिस वालों द्वारा बल प्रयोग की शिकायत पर उपमुख्यमंत्री ने कहा नियम का पालन सभी को करना होगा। आम जनों के टैक्स से पगार पाने वाले सरकारी कर्मचारी और अधिकारी यह समझ लें कि कानून सबके लिए है यदि वह नियम कायदों की परवाह नहीं करेंगे तो ग्रामीण भी नियम तोड़ने पर मजबूर हो जाएंगे। किसी बात का समाधान बातचीत से ही हो सकता है। ताकत के बल पर आंदोलन को दबाने का परिणाम विद्रोह के रूप में सामने आएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंसक आंदोलन को उनका समर्थन नहीं मिलेगा लेकिन यदि कोई ग्रामीणों को बल पूर्वक दबाएगा तो पूरी कांग्रेस पार्टी ग्रामीणों के समर्थन में खड़ी होगी। औषधि पादप बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने मुड़गांव में पावर प्लांट हेतु जमीन अधिग्रहण के हिंसक आंदोलन और अमेरा खदान के लिए जमीन नहीं देने के परसोढी के ग्रामीणों उदाहरण देकर बताता एकजुट होने से ही सफलता मिलेगी। कार्यक्रम को जिला पंचायत अध्यक्ष मधु सिंह, उदयपुर ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष राजनाथ सिंह, अमेरा खदान आंदोलन से जुड़े रणविजय सिंह, धर्मेंद्र झरिया ने भी सम्बोधित किया। हसदेव अरण्य आंदोलन से जुड़े लोगों और ग्रामीण जनों ने भी अपनी बात रखी। ग्राम बासेन के सरपंच ने बताया किस तरह पुलिस ने उन्हें हथियार के बल पर घर से उठा लिया था, कपड़े तक पहनने की इजाजत नहीं दी थी। भावुक होते हुए उन्होंने कहा कि मुझे गांव वालों ने जनप्रतिनिधि बनाया है मेरी जिम्मेदारी पहले उनके प्रति है।ग्रामीणों ने जान दे देने लेकिन जमीन न देने का संकल्प दोहराया। उल्लेखनीय है हसदेव में नई खदान खोलने के विरोध में ग्रामीण पिछले पांच सौ दिनों से धरना दे रहे है। चार दिन पहले ही पेंड्रीमार के जंगलों में अडानी की खदान के लिए जंगल को अभेद किले में तब्दील कर करीब तीस हजार विशाल वृक्षो की कटाई की गई है, उसके बाद से ही मामला गरमाया हुआ है। इस दौरान कांग्रेस पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी मौजूद थे।
★ डेढ़ सौ गाड़ियों का काफिला
पूर्व मुख्यमंत्री टीएस सिंह देव के हसदेव अरण्य के समर्थन में आंदोलनकारी से मिलने जाने की खबर पर कांग्रेस पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं के साथ-साथ शहर वासी भी स्वत उमड़ पड़े। सिंह देव की गाड़ी के पीछे-पीछे डेढ़ सौ से ज्यादा गाड़ियों का काफिला धरना स्थल पर पहुंचा। पेड़ कटाई निपट जाने के बाद आराम की मुद्रा में बैठे प्रशासन के लोग भीड़ देख अचंभित थे। आनन- फानन में वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस बल तैनात किया गया। धरना स्थल के आसपास 200 से ज्यादा हथियारबंद जवान और पुलिस तथा जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे। उग्र ग्रामीणों ने जब उन्हें लक्ष्य कर नारेबाजी शुरू की तक कुछ क्षणों के लिए माहौल गरमा गया। पूर्व उपमुख्यमंत्री सिंह देव ने ग्रामीणों को शांत करते हुए कहा उग्रता से हमारा आंदोलन कमजोर पड़ेगा। शासन और प्रशासन के पास बहुत ताकत है, उनसे हम लड़ सकते हैं लेकिन हमारी हार सुनिश्चित है। उन्होंने ग्रामीणों को एकजुट रहने की नसीहत दी और भरोसा दिलाया जबतक गांव के लोग एकजुट रहेंगे किसी की एक इंच जमीन कोई नहीं ले सकेगा।