अंबिकापुर। नगरीय निकायों में मिनी स्काई लिफ्ट खरीदी में वित्तीय अनियमितता बरते जाने की शिकायत की जांच के निर्देश राज्यपाल सचिवालय ने जारी किया है। राज्यपाल सचिवालय के अवर सचिव ने छत्तीसगढ़ के नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव को आरोपों की जांच कर कार्रवाई से अवगत कराने का निर्देश दिया है।
. अंबिकापुर के अधिवक्ता व आरटीआई एक्टिविस्ट डीके सोनी ने सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर राज्यपाल से छत्तीसगढ़ के नगरीय निकायों में स्काई लिफ्ट की खरीदी खुले बाजार से कई गुना अधिक दर पर कर वित्तीय अनियमितता किए जाने का आरोप लगाया था। लिखित शिकायत में अवगत कराया गया है कि राज्य में वर्ष 2018 से लेकर 2022 तक अलग-अलग नगर पंचायतों एवं नगर पालिका में मिनी स्काई लिफ्ट मशीन की खरीदी की गई है। कुल 225 मिनी स्काई लिफ्ट के लिए 27 करोड़ 44 लाख 15 हजार 160 रुपये का भुगतान किया गया है। प्रदेश में एक ही संस्था से मिनी स्काई लिफ्ट मशीन बाजार से अधिक दर पर खरीदी की गई है। एक ही कंपनी को आर्डर दिया गया था। आरोप है कि कंपनी द्वारा नगर पंचायत एवं नगर पालिका के अधिकारियों से मिलीभगत कर बाजार दर से दोगुने दर पर मिनी स्काई लिफ्ट मशीन की खरीदी की गई है तथा बिना जांच पड़ताल किए मिनी स्काई लिफ्ट को क्रय किया गया है। वंदना एग्रो इंडस्ट्रीज के द्वारा अलग अलग नगर पंचायतों एवं नगर पालिका में दिए गए स्काई लिफ्ट मशीन के बिल की फोटोप्रति से प्रमाणित है कि वन्दना एग्रो इंडस्ट्रीज के द्वारा प्रदेश के बहुत सारे नगर पंचायतों में घटिया क्वालिटी का तथा ऊंचे दर में क्रय किया गया है जिसकी जांच कराने की मांग राज्यपाल से की गई थी। बाजार में यह मशीन पांच लाख रुपये में मिलता है उसे 14 से 15 लाख रुपये में क्रय कर शासन को करोड़ो रुपए की क्षति पहुंचाई गई है। उन्होंने अधिकारियों के विरुद्ध शासकीय राशि का गबन करने एवं कूट रचित दस्तावेज तैयार करने के संबंध में प्रथम सूचना पत्र दर्ज किए जाने का निवेदन किया गया था। आरोप है कि नगर पंचायत एवं नगर पालिका में जितनी संख्या में मिनी स्काई लिफ्ट खरीदना बताया गया है उतनी संख्या में मिनी स्काई लिफ्ट उपलब्ध नहीं है। अधिकारियों के द्वारा फर्जी बिल वाउचर लगाकर बिना मिनी स्काई लिफ्ट लिए कमीशन लेकर उसका भुगतान भी कर दिया गया है जो बिल वाउचर से प्रमाणित है। राज्यपाल के अवर सचिव द्वारा डीके सोनी की शिकायत पर सचिव नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग नवा रायपुर को पत्र प्रेषित कर शिकायत पर नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई करते हुए आवेदक को अवगत कराने का निर्देश दिया गया है।