★ विधायक उद्धेश्वरी पैकरा की समझाईश के बाद बैठक के आश्वासन पर तीन दिन के लिए माने ग्रामीण
अंबिकापुर। यह सरगुजा संभाग का दुर्भाग्य है कि यहां के जिलों में पदस्थ अधिकतर अधिकारी जनता की सेवा कम और प्राइवेट कंपनियों की सेवा में ज्यादा लगे रहते हैं। इसी का एक जीता जागता उदाहरण सरगुजा के हसदेव क्षेत्र के बाद दूसरा बलरामपुर जिले के कुसमी ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत कंजिया में देखने को मिली। जहां ग्रामीणों के आक्रोश को रोकने उन्हें समझाना छोड़ उन्हें ही धमकी देने पर नवपदस्थ कुसमी एसडीएम आमादा हो गये। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे लोगों को कहा आप लोगों को भड़का रहे हैं, सब पर एफआईआर करेंगे और फिर इतना सुनते ही जनता सड़क पर बैठ गई और उन्होंने चक्काजाम कर दिया। आनन-फानन में घटना की जानकारी मिलने पर नवनिर्वाचित विधायक उदेश्वरी पैंकरा मौके पर पहुंची, तब कहीं जाकर समझा बुझाकर मामले को शांत कराया गया।
दरअसल यह पुरा मामला प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क से बाक्साइड ढुलाई के कारण सड़क खराबी को लेकर तूल पकड़ा था। ग्रामीण आवागमन हेतु बने सड़क का उपयोग बाक्साइड परिवहन में लगे ट्रकों के आनेजाने से इस सड़क पर कई हादसे भी हो चुकी है, वहीं सड़क भी जर्जर होते जा रहा है, बताया जा रहा है कि कलेक्टर द्वारा इस सड़क के उपयोग पर लगाये गए प्रतिबंध के आदेश के बाद भी इस सड़क का उपयोग किया जा रहा है। जिससे ग्रामीण भड़के हुए हैं, ग्रामीणों का गुस्सा शांत कराना छोड़ नवपदस्थ एसडीएम उन्हीं पर भड़कते हुए देखे गए। एक और वीडियो देखिये कैसे एसडीएम बोल रहे हैं आपके कहने से सड़क नहीं बदलेगी, मुझे कलेक्टर से बात करनी होगी तभी मैं कुछ कह सकता हूँ, मतलब साफ है कि वे इस रोड पर कोई फैसला नहीं ले सकते अधिकृत व्यक्ति एसडीएम नहीं हैं,ऐसा वे स्वयं स्वीकार कर रहे हैं, फिर किस हैसियत से आकर भड़क रहे थे। जहां वे खुद कोई फैसला नहीं ले सकते वहां दुसरों से चाहते हैं कि अधिकृत जवाबदेह व्यक्ति उनकी बैठक में पहुंचे।
सुनिये पूरी वीडियो में क्या कह रहे हैं एसडीएम..
बलरामपुर जिले के कुसमी सीमा से लगे ग्राम पंचायत कंजिया के प्रतिबंधित प्रधानमंत्री सड़क में बाक्साइड से लदी भारी वाहनों से आए दिन हो रहे दुर्घटनाओं से क्षुब्ध ग्रामीणों ने चक्काजाम कर प्रदर्शन किया और गांव से लगे सड़कों पर परिवहन रोकने की मांग को लेकर अड़े रहे। सुबह से प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों के समस्याओं के हल के बजाय एसडीएम द्वारा कथित रूप से ग्रामीणों के खिलाफ एफआईआर कराने की धमकी से मामला और बिगड़ गया और प्रशासन तथा ग्रामीणों के बीच दोपहर दो बजे तक तनाव की स्थिति निर्मित रही। सूचना पर मौके पर पहुंचे सामरी विधायक उद्धेश्वरी पैकरा की समझाईश के बाद ग्रामीणों ने स्थाई समस्या के निदान के लिए बैठक के आश्वासन पर तीन दिन के लिए आंदोलन को स्थगित किया है। उदेश्वरी पैंकरा के समक्ष आंदोलनरत ग्रामीण ने अपनी बात रखी।
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि कंजिया ग्राम से निकलने वाली इस सड़क पर भारी बाक्साइड वाहने अनियंत्रित रफ्तार से चलती हैं और आए दिन दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। चार महीनों पूर्व ऐसी ही एक अनियंत्रित वाहन की ठोकर से ऑटो चालक की मौत हो गई थी, तब ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर बाईपास सड़क से बॉक्साइट ट्रक को चलाने की मांग की तब प्रशासन के द्वारा बॉक्साइट परिवहन में लगे खाली ट्रकों को सेमरा से कंजिया होते चलने हेतु हिंडालको द्वारा निर्देशित किया गया था। ग्रामीणों का कहना है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क होने के बावजूद कंजिया में प्रतिबंधित भारी वाहनें चलने से ग्रामीणों का सड़क उपयोग करना दुर्भर हो गया है। सिंगल रोड में तेज रफ्तार की वाहनों से आए दिन दुर्घटना होते रहती है। पहले भी ग्रामीणों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंप प्रधानमंत्री सड़क से चलने वाली बाक्साइड वाहनों को रोकने और दूसरे वैध मार्गों से चलाने की मांग की थी, मगर कोई पहल नहीं होने से क्षुब्ध हो कंजिया चौक में इकट्ठा हो चक्का जाम कर दिया। दोपहर दो बजे तक प्रशासन और ग्रामीणों के बीच तनातनी चलती रही और नवपदस्थ एसडीएम करूणा डहरिया ने धरना स्थल पर पहुंच चक्काजाम नहीं हटाए जाने पर लोगों को एफआईआर कराने तक की धमकी दी तो ग्रामीण भड़क गए और उनके बीच बहस की स्थिति निर्मित हो गई। एसडीएम की धमकी से क्षुब्ध ग्रामीण चक्काजाम हटाने से इंकार पर अड़े रहे। बाद में नवनिर्वाचित विधायक उद्धेश्वरी पैकरा ने मौके पर पहुंच ग्रामीणों और प्रशासन के साथ हिंडालको प्रबंधन से भी चर्चा कर भरोसा दिलाया कि मामले की समाधान के लिए सोमवार को बैठक आयोजित कर दूसरे वैकल्पिक मार्गों से परिवहन का समाधान निकालेंगे, तब ग्रामीणों ने तीन दिन के लिए धरना स्थगित किया।