बौद्धिक सम्पदा अधिकार एवं अनुसंधान विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का राजीव गांधी शासकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय अंबिकापुर में आरंभ
अंबिकापुर। राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आईक्यूएसी सेल तथा विधि विभाग के संयुक्त तत्वाधान में इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट एण्ड इनोवेशन विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित किया जा रहा है। कार्यशाला के प्रथम दिन आज 09 जनवरी मंगलवार को उद्घाटन सत्र के साथ दो तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि डा. एसके त्रिपाठी पूर्व प्राचार्य एवं क्षेत्रीय उप संचालक उच्च शिक्षा उपस्थित थे। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में डा. रामकुमार मिश्र, प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय सिलफिली उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य एवं क्षेत्रीय अपर संचालक डा. रिजवान उल्ला ने की।
मुख्य अतिथि डा. एस के त्रिपाठी ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज के युग में बौद्धिक संपदा का महत्व बहुत बढ़ गया है तथा यह संपदा ऐसी संपदा है जिसे हम अपनी आगे आने वाली पीढ़ी को सौंप सकते हैं क्योंकि हम रहें या ना रहें पर बौद्धिक सम्पदा हमेशा रहेगी। डा. रामकुमार मिश्र ने आयोजकों को कार्यशाला के आयोजन हेतु शुभकामनाएं दी। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डा. रिजवान उल्ला ने वैश्विक स्तर पर बौद्धिक सम्पदा के महत्त्व पर प्रकाश डाला।
उद्घाटन कार्यक्रम में कार्यशाला के विषय विशेषज्ञ डा. राजू मांझी, डा. सुधीर चतुर्वेदी, डा. राघवेश पाण्डेय, राजमोहिनी देवी कन्या पीजी कॉलेज के प्राचार्य डा. खालिद हुसैन, महाविद्यालय के आईक्यूएसी प्रभारी एवं कार्यशाला के संयोजक डा. अनिल सिन्हा, स्वशासी सेल प्रभारी डा. राजकमल मिश्र, डा. एस के श्रीवास्तव, डा. रमेश जायसवाल कार्यशाला के सचिव बृजेश कुमार, डा. एसएन पाण्डेय मंचस्थ थे। कार्यशाला के प्रथम तकनीकी सत्र में विषय विशेषज्ञ डा. राजू मांझी सहायक प्राध्यापक विधि संकाय काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने बौद्धिक सम्पदा अधिकार का प्रतिलिप्या (कॉपीराईट) अधिकार के विशेष संदर्भ में जानकारी प्रदान की। विधि विभाग के सहायक प्राध्यापक माधवेंद्र तिवारी ने विषय विशेषज्ञ का स्वागत किया एवं परिचय कराया। संचालन डा. दीपक सिंह एवं रिपोर्टिंग डा. तरुण राय ने की। द्वितीय सत्र में विषय विशेषज्ञ डा. सुधीर चतुर्वेदी सहायक प्राध्यापक गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने भौगोलिक संकेत पर जानकारी प्रदान की। द्वितीय सत्र संचालन डा. अजयपाल सिंह ने किया। पंकज अहिरवार ने विषय विशेषज्ञ का परिचय कराया। पूनम सोनवानी ने रिपोर्टिंग की तथा सहायक प्राध्यापक देव प्रकाश दूबे ने धन्यवाद ज्ञापित किया एवं सत्र का सारांश प्रस्तुत किया। तकनीकी सहयोग चेतनकुमार, शशांक विश्वकर्मा, सुश्री प्रिया पाण्डेय, अनुभव श्रीवास्तव, सर्वेश पाण्डेय, पीयूष त्रिपाठी ने दिया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक, सहा. प्राध्यापक, अतिथि व्याख्याता एवं पंजीकृत छात्र-छात्राएँ उपस्थित थे।