★ सोशल मीडिया पर प्रसारित सूची में भाजपाइयों का नाम, विवादों में घिरी सूची
अंबिकापुर। अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल का एक पत्र सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहा है। इस पत्र में विधायक ने उदयपुर विकासखंड के शासकीय स्कूलों में ध्वजारोहण करने वाले लोगों का नाम उल्लेखित किया है। उदयपुर विकासखंड शिक्षा अधिकारी के नाम जारी इस पत्र में सभी भाजपा से जुड़े लोग शामिल है।
खबर है कि अंबिकापुर विधानसभा के सभी शासकीय शिक्षण संस्थाओं के लिए विधायक राजेश अग्रवाल ने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर मौखिक और लिखित रूप से ध्वजारोहण करने वाले तय किए हैं। अपने चहेते भाजपाइयों के लिए विधायक का यह पत्र नए विवाद को जन्म दे चुका है।
इस पत्र के प्रसारित होने के बाद विधायक राजेश अग्रवाल मुश्किलों में फंस सकते हैं। सत्ता परिवर्तन के साथ कांग्रेस शासनकाल में स्कूलों में गठित शाला प्रबंधन व विकास समितियां अस्तित्व में नहीं है ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के तहत निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को ध्वजारोहण का अधिकार है। संस्था प्रमुख भी राष्ट्रीय पर्व के दिन ध्वजारोहण करने की अधिकारिता रखते हैं ऐसे में विधायक ने सीधे-सीधे अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर भाजपा कार्यकर्ताओं का नाम ध्वजारोहण के लिए तय कर दिया है। या यूं कहें कि ध्वजारोहण करने वाले बलपूर्वक थोप दिए गए हैं।
शासन-सत्ता के दबाब में संस्था प्रमुख भले विधायक के आदेश का पालन कर लें लेकिन त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के तहत कांग्रेस से जुड़े जनप्रतिनिधि, विधायक के इस बलपूर्वक आदेश के विरोध में उतर आए हैं। विधायक को इस पत्र को लेकर आने वाले दिनों में जबाब देना पड़ सकता है। अब तक चली आ रही व्यवस्था के तहत पंचायतों के निर्वाचित जनप्रतिनिधि भी ध्वजारोहण कर सकते हैं लेकिन विधायक ने तो भाजपाइयों को इसके लिए अधिकृत कर नया विवाद जन्म दे दिया है।
★ अब दावा – विधायक ने जारी नहीं किया है पत्र
सोशल मीडिया पर विधायक राजेश अग्रवाल के लेटरपैड पर पत्र प्रसारित होने के बाद यह दावा किया जा रहा है कि विधायक की ओर से ऐसा कोई आदेश जारी ही नहीं किया गया है। यदि विधायक समर्थकों का यह दावा सही है तो विधायक की ओर से उनके लेटर पैड का दुरुपयोग करने वालों के विरुद्ध किसी प्रकार की कोई शिकायत भी पुलिस से अभी तक नहीं की गई है। यदि विधायक ने पत्र जारी नहीं किया है तो यह अत्यंत गंभीर मामला है क्योंकि विधायक के लेटरपैड का दुरुपयोग हुआ है। इसमें बकायदा 25 जनवरी की तारीख और पत्र क्रमांक भी दर्ज है। इस मामले में विधायक राजेश अग्रवाल से संपर्क नहीं हो पाने के कारण उनका पक्ष नहीं लिया जा सका है।