★ ध्वजारोहण के अधिकार से वंचित करने की नई परिपाटी हो गई शुरू, कांग्रेस ने दर्ज कराई आपत्ति
अंबिकापुर। सरगुजा जिले के अंबिकापुर विधानसभा क्षेत्र में आदिवासी पंचायत प्रतिनिधियों का संवैधानिक अधिकार छीनने की नई परंपरा शुरू हो गई है। ग्राम स्तर पर ध्वजारोहण का संवैधानिक अधिकार आदिवासी पंच, सरपंच, जनपद सदस्य और जिला पंचायत सदस्यों को प्राप्त है। उनके अधिकार छीनने का कार्य अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल द्वारा जारी पत्र से हुआ है।
मामले को कांग्रेस समर्थित पंचायत प्रतिनिधियों ने गंभीरता से लिया है। इस नई परंपरा के विरुद्ध सीधे न्यायालय में परिवाद दायर करने की तैयारी है। उधर जिला कांग्रेस कमेटी ने इस नई परिपाटी का पुरजोर विरोध कर कलेक्टर के समक्ष आपत्ति जताई है। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राकेश गुप्ता की ओर से कलेक्टर से लिखित शिकायत की गई है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा का प्रचार करने के साथ ही मतदान केंद्रों में अभिकर्ता का कार्य करने वालों ने ग्रामीण क्षेत्रों के शासकीय शिक्षण संस्थानों में जाकर बलपूर्वक ध्वजारोहण कर दिया है। उस पंचायत के पंच, सरपंच और दूसरे निर्वाचित जनप्रतिनिधि देखते रह गए और भाजपाइयों ने वहां अतिथि के रूप में पहुंचकर ध्वजारोहण कर दिया।
सरगुजा जिले में इसके पहले ऐसी परिस्थिति कभी निर्मित नहीं हुई। किस अधिकार के तहत भाजपा कार्यकर्ताओं ने ध्वज फहराया इसका जबाब देने कोई तैयार नहीं है। यही कारण है कि आदिवासी पंचायत प्रतिनिधियों का संवैधानिक अधिकार छिनने के आरोपों से अंबिकापुर के भाजपा विधायक राजेश अग्रवाल घिर चुके हैं। कई पंचायत प्रतिनिधि अब इस मामले को लेकर न्यायालय में परिवाद दायर करने की तैयारी कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा विधि के जानकारों से इस विषय पर चर्चा भी शुरू कर दी गई है। आपराधिक मानहानि का प्रकरण दायर करने की तैयारी शुरू हो चुकी है। इसमें दस्तावेजी प्रमाण के रूप में विधायक के हस्ताक्षर और क्रमांक तथा तिथि अंकित उन लेटर पैड को शामिल किया जा रहा है जो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो चुका है।
शासन-सत्ता के दबाब में जिम्मेदार अधिकारी भी मौन
राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर ध्वजारोहण का अधिकार किसे प्राप्त है इसकी जानकारी अधिकारी, कर्मचारियों को भी है लेकिन शासन सत्ता के दबाव में वे भी मुंह खोलने से बच रहे हैं। शुक्रवार सुबह ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में पंचायत प्रतिनिधियों की उपस्थिति के बावजूद भाजपा कार्यकर्ताओं ने ध्वजारोहण कर दिया लेकिन उसे रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं दिखाई जबकि भाजपा कार्यकर्ताओं को किसी संस्था के कार्यक्रम में ध्वज फहराने का संवैधानिक अधिकार नहीं है।
संकुल की बैठकों में भाजपाइयों का नाम बताया, डीइओ बोल रहे है झूठ
सूत्रों ने बताया कि भाजपा विधायक राजेश अग्रवाल के नाम से पत्र विकास खंड शिक्षा अधिकारियों को जारी किया गया। उस पत्र में शासकीय स्कूलों में ध्वजारोहण करने के लिए उनके चहेतों और भाजपा कार्यकर्ताओं का नाम लिखा था। चापलूसी की हदें पार करते हुए शासकीय अमले ने उस पत्र के आधार पर संकुल की बैठक आहूत की। इन बैठकों में शिक्षकों को बताया गया कि उनके यहां कौन भाजपा कार्यकर्ता ध्वजारोहण करेगा। यह पूरी प्रक्रिया जिला शिक्षा अधिकारी संजय गुहे की जानकारी में ही पूरा किया गया लेकिन जब इस मामले में उनसे चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसे किसी पत्र की जानकारी नहीं है। ध्वजारोहण को लेकर उन्होंने गोलमोल जवाब देकर जिम्मेदारी से बचने का प्रयास किया।
अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर विधायक ने जारी कर दी ध्वजारोहण करने वालों की सूची