प्रतापपुर (सूरजपुर)। मंगलवार की सुबह से ही प्राचार्य व अधीक्षिका को हटाने की मांग को लेकर जनपद पंचायत परिसर में धरने पर बैठे एकलव्य आवासीय विद्यालय के बच्चों ने कलेक्टर की समझाइश पर धरना समाप्त कर दिया है।
बता दें कि मंगलवार की सुबह एकलव्य स्कूल के लगभग दो सौ बच्चे स्कूल के प्राचार्य व अधीक्षिका को हटाने की मांग लिखी तख्तियों को हाथों में लेकर नारेबाजी करते हुए स्कूल से निकले और वहां से लगभग पांच सौ मीटर की दूरी पर स्थित जनपद पंचायत कार्यालय व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बीच में स्थित मुख्य मार्ग पर बैठ गए। जिसके कारण मार्ग दोनों ओर से अवरूद्ध हो गया। सूचना पर तत्काल मौके पर पहुंचे बीईओ मुन्नू सिंह धुर्वे ने बच्चों से बात कर उनकी समस्या को जानने का प्रयास किया पर बच्चों ने कहा कि कलेक्टर को यहां बुलाया जाए हम अपनी समस्या को उनके अलावा और किसी को नहीं बताएंगे। इस बीच बच्चे स्कूल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। स्थिति अनियंत्रित होती देख धरना स्थल पर एसडीएम दीपिका नेताम व तहसीलदार पुष्पराज पात्रे भी पहुंचे उन्होंने भी धरने पर बैठे बच्चों की समस्या को जानने का प्रयास किया पर बच्चे अपनी समस्या केवल कलेक्टर से ही मिलकर बताने की मांग पर अड़े रहे। जिसके बाद बच्चों को मार्ग जाम न करें की समझाइश देते हुए जनपद पंचायत कार्यालय प्रतापपुर के परिसर में दर्री बिछवाकर बैठा दिया गया। परिसर में भी बच्चे अपनी मांग को लेकर नारेबाजी करते रहे। आखिरकार बच्चों की जिद के आगे झुकते हुए स्थानीय प्रशासन ने कलेक्टर से फोन पर उनकी बात कराई। कलेक्टर को बच्चों ने बताया कि स्कूल के प्राचार्य व अधीक्षिका द्वारा उन्हें अकारण ही परेशान किया जाता है जिस पर कलेक्टर ने बच्चों को मामले की पूरी गंभीरता से जांच कराने का आश्वासन देते हुए धरना समाप्त करने को कहा जिसके बाद बच्चे धरना समाप्त कर स्कूल की ओर लौट गए।
★ गलती पर प्राचार्य ने लगाई थी फटकार
इस संबंध में एकलव्य आवासीय विद्यालय के प्राचार्य भूपेश तिवारी ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि शासन के नियमानुसार जो बच्चे अपने घर से पैसा लेकर स्कूल आते हैं उस पैसे को स्कूल में बनाए गए एक मनी बैंक में जमा करा दिया जाता है जिसका बकायदे रिकार्ड भी रखा जाता है। उसी बैंक में से बच्चों को उनकी जरूरत के हिसाब से खर्च करने के लिए उनके पैसे को दिया जाता है। पर कुछ बच्चे जो पैसा अपने घर से लेकर आते हैं उसमें से कुछ पैसा बैंक में और कुछ पैसे को छुपाकर अपने पास रख लेते हैं। फिर जब स्कूल के पास में ही मौजूद खेल मैदान में खेलने जाते हैं तो उसी छुपाए हुए पैसे से नशा करने के लिए वहां आने वाले असामाजिक तत्वों से सिगरेट व गुटखा खरीद कर सेवन करते हैं। इस बात को लेकर वे बच्चों को नशे से होने वाले नुक़सान के संबंध में जानकारी देते हुए कई बार नशा न करने की समझाइश दे चुके थे। जिसके बाद बच्चों ने नशा न करने की बात भी कही थी। पर इसके उपरांत 25 जनवरी को छेरता की छुट्टी के दिन प्राचार्य तिवारी ने फिर से कुछ बच्चों को स्कूल के शौचालय में सिगरेट पीते हुए रंगे हाथ पकड़ा तो उन्होंने बच्चों को कड़ी फटकार लगाते हुए स्कूल से निलंबित करने की चेतावनी दी थी। प्राचार्य तिवारी ने बताया कि इसी बात को लेकर बच्चे उनके ऊपर प्रताड़ना का झूठा आरोप लगाते हुए धरने पर बैठे गए।
★ जांच करने स्कूल पहुंचे एसडीएम, तहसीलदार
इधर कलेक्टर रोहित व्यास के निर्देश पर एसडीएम दीपिका नेताम व तहसीलदार पुष्पराज पात्रे मामले की जांच करने एकलव्य आवासीय विद्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने एक एक कर सभी बच्चों के बयान दर्ज करने के साथ ही स्कूल के प्राचार्य व अधीक्षिका के बयान भी लिए हैं। फिलहाल प्रशासन ने प्राचार्य के स्कूल आने पर प्रतिबंध लगा दिया है। जांच के विषय में जानकारी मांगे जाने पर एसडीएम दीपिका नेताम ने कहा कि अभी मामले की जांच पूरी नहीं हो सकी है इसलिए इस विषय पर कुछ भी कहना उचित नहीं होगा।
★ कलेक्टर से मिलने जाएंगे बच्चे
इस विषय को लेकर बीईओ मुन्नू सिंह धुर्वे से मिली जानकारी अनुसार बच्चों का कहना था कि कुछ ऐसी बातें भी हैं जिन्हें वे कलेक्टर के समक्ष ही बताना पसंद करेंगे। बच्चों की इस बात से कलेक्टर को अवगत कराया गया जिस पर कलेक्टर ने बच्चों को मिलने के लिए बुलाया है। कलेक्टर से मिलने के लिए स्कूल के लगभग दस बच्चों का चयन किया गया है जो बाकी बच्चों का प्रतिनिधित्व करते हुए कलेक्टर से मिलकर स्कूल से संबंधित सभी समस्याओं को रखेंगे।