★ जिला प्रशासन के सामर्थ में नहीं है कि पर्याप्त मात्रा में विशेषज्ञ चिकित्सकों की पदस्थापना करा सके
अंबिकापुर। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के अंबिकापुर दौरे में विशेषज्ञ चिकित्सकों की पदस्थापना के लिये सारी जवाबदेही जिला प्रशासन के जिम्मे छोड़ने की बात पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने निराश व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि 2018 में जब कांग्रेस की सरकार प्रदेश की सत्ता में आयी थी, तब प्रदेश में मात्र 179 विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति सरकारी अस्पतालों में थी। बजट सत्र वर्ष 2023-24 के दौरान छत्तीसगढ विधानसभा में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने जानकारी दी थी कि प्रदेश में विशेषज्ञ चिकित्सकों की संख्या बढकर 534 हो गयी थी। जो कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय के अपेक्षा तिगुनी थी। यह सब प्रदेश के नागरिकों के प्रति तत्कालीन कांग्रेस सरकार की जवाबदेही का परिणाम था, कि उसने जनादेश के प्रति अपने दायित्वों का निर्वहन किया था। पूर्ववर्ती सरकार के केन्द्रीय प्रयासों के फलस्वरुप महज 4 साल में चिकित्सा के क्षेत्र में वो काम हुए जो 15 वर्षो के भाजपा के शासनकाल में नहीं हुआ था। अब पुनः भाजपा सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में ढुलमुल रवैया अपना रही है। किसी भी जिला प्रशासन के सामर्थ में नहीं है कि वो पर्याप्त मात्रा में विशेषज्ञ चिकित्सकों की पदस्थापना करा सके। जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने स्वास्थ्य मंत्री को सुझाव दिया है कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की स्थापना के लिये स्वास्थ्य मंत्रालय के स्तर पर प्रयास किये जायें न कि कलेक्टरों के भरोसे इसे छोड़ा जाये। जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंह देव ने स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के इस बयान का स्वागत किया है कि अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के अस्पताल भवन के निर्माण में बचे हुए कार्यों को पूर्ण करने के लिये 109 करोड रुपय की राशि उपलब्ध कराने के लिये इसे अनूपूरक बजट में शामिल किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि 13 दिसंबर को ही पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने नई सरकार के शपथ के दिन नये मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल भवन को पूरा करने के लिये 109 करोड रुपये की राशि मुहैया कराने की मांग की थी।