★ 21 वर्ष से अधिक उम्र की विवाहित महिलाओं को 12-12 हजार रुपए सालाना
★ विधवा, परित्यता महिलाओं को भी योजना का मिलेगा लाभ
★ तेंदूपत्ता संग्राहकों को अब संग्रहण पारिश्रमिक 4000 रूपए प्रतिमानक बोरा से बढ़ाकर 5500 रूपए प्रति मानक बोरा प्रदाय किया जाएगा
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज बुधवार को कैबिनेट की साप्ताहिक बैठक शुरू हुई। करीब दो घंटे तक चली बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
सीएम साय ने बैठक के बाद पत्रकारों को आज हुए फैसलों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री साय ने बताया कि महतारी वंदन योजना पर मुहर लगा दी गई है, जो आज से लागू हो गई है। उन्होंने आगे कहा कि समाज में महिलाओं के विरुद्ध भेदभाव को सुधार लाने के उद्देश्य से तथा आर्थिक स्वालम्बन के लिए इस योजना को शुरू करना तय किया गया है। वहीं 21 वर्ष से अधिक उम्र की विवाहित महिलाओं को 12-12 हजार रुपए सालाना दिया जाएगा। विधवा, परित्यता महिलाओं को भी योजना का लाभ दिया जाएगा। इस योजना के तहत एक एक हजार रुपये प्रतिमाह अर्थात् साल में 12 हजार रूपए की आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक खातें में डीबीटी के माध्यम से दी जाएगी। इस योजना से महिला सशक्तिकरण एवं आर्थिक स्वावलंबन को भी बढ़ावा मिलेगा। इस योजना का लाभ छत्तीसगढ़ निवासी विवाहित महिला, जिनकी आयु 1 जनवरी 2024 को 21 वर्ष से अधिक हो, को मिलेगा।
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों के हित में एक बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। जिसके तहत तेंदूपत्ता संग्राहकों को अब संग्रहण पारिश्रमिक 4000 रूपए प्रतिमानक बोरा से बढ़ाकर 5500 रूपए प्रति मानक बोरा प्रदाय किया जाएगा। मुख्यमंत्री साय ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (संविदा नियुक्ति) नियम, 2012 में पूर्ववर्ती सरकार द्वारा अगस्त 2023 में जारी अधिसूचना में किए गए संशोधन को निरस्त कर पूर्ववत् किए जाने का निर्णय लिया गया। अगस्त 2023 में उक्त नियम में यह संशोधन किया गया था कि विभागीय जांच उपरांत, शास्ति प्रभावशील होने अथवा अपराधिक प्रकरण में न्यायालय द्वारा दंडित होने पर संविदा नियुक्ति के लिए अपात्र होंगे। इस संशोधन से ऐसे सेवानिवृत्त शासकीय सेवक जिनके विरुद्ध विभागीय जांच या अभियोजन के प्रकरण विचाराधीन अथवा प्रचलित है उन्हें भी संविदा नियुक्ति की पात्रता बन रही थी। जिसे मंत्रिपरिषद ने उचित नही मानते हुए इसे निरस्त कर संविदा नियम 2012 के प्रावधान को यथावत करने का निर्णय लिया है।