प्रतापपुर (सूरजपुर)। लगभग डेढ़ माह पूर्व तमोर पिंगला अभयारण्य रमकोला से लगे वन परिक्षेत्र घुई के धुरिया में करंट प्रवाहित कर लगाए गए जीआई तार की चपेट में आ जाने से हथिनी की मौत होने के बाद बड़ी ही निर्दयता के साथ उसके शव के 12 टुकड़े कर अलग अलग गड्ढों में दफनाने के मामले में 29 जनवरी को गिरफ्तार कर जेल भेजे गए तीन आरोपित नरेंद्र सिंह 35 वर्ष, जनकू राम 50 वर्ष व रामचंद्र अगरिया 30 वर्ष के बाद वन विभाग की टीम ने घटना में शामिल सात अन्य आरोपितों को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
बता दें कि घटना के लगभग डेढ़ माह बाद वन विभाग को मुखबिर से सूचना मिली थी कि ग्राम धुरिया के कुछ ग्रामीणों ने एक हथिनी के 12 टुकड़े कर उसे गड्ढों में दफन कर दिया है। जिसके बाद डीएफओ पंकज कमल के नेतृत्व में वन विभाग की टीम ने संदेह के आधार पर धुरिया के तीन ग्रामीणों को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की थी। पूछताछ में आरोपितों ने बताया था कि उन्होंने रात के समय में जंगली जानवरों से अपनी फसल की रक्षा करने हाईवोल्टेज लाइन में जीआई तार जोड़कर खेत में लगाया था जिसकी चपेट में आने से हथिनी की मौत हो गई। हथिनी की मौत होने के बाद फंसने के भय से साक्ष्य छुपाने के लिए रात के अंधेरे में हथिनी के बारह टुकड़े कर उसे दो सौ मीटर के दायरे में अलग अलग गड्ढे खोदकर दफना दिया है। आरोपितों द्वारा दिए गए बयान के बाद टीम ने गड्ढों में दफन हथिनी के 12 टुकड़ों को बरामद कर तीनों आरोपितों को जेल तो भेज दिया पर टीम को घटना में अन्य आरोपितों की संलिप्तता भी नजर आ रही थी क्योंकि मात्र तीन लोगों के ही द्वारा एक व्यस्क व विशालकाय हथिनी के शव के 12 टुकड़े कर उसे गड्ढों में दफन करना असंभव प्रतीत हो रहा था। इसी बात को ध्यान में रखते हुए टीम कुछ अन्य संदेहियों को भी हिरासत में लेकर लगातार पूछताछ कर रही थी। पूछताछ के दौरान 31 जनवरी की देर शाम धुरिया के ही सात अन्य आरोपित रामचंद्र 31 वर्ष, माधो सिंह 27 वर्ष,प्राणबोधी 34, बैजनाथ 54, लालमोहन 48, गंगाराम 28 व रामकिशुन 29 वर्ष ने भी घटना में शामिल होना स्वीकार कर लिया जिसके बाद वन विभाग ने इन सात आरोपितों को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
करंट के फंदे से एक ग्रामीण की भी हो चुकी है मौत
गौरतलब है कि सूरजपुर जिले में ग्रामीणों द्वारा जंगली जानवरों का शिकार करने अक्सर जंगलों के भीतर करंट के फंदों का इस्तेमाल किया जाता है। जिनकी चपेट में आने से अब तक कई हाथियों की मौत हो चुकी है। यहां तक कि 18 अक्टूबर 2022 को सूरजपुर जिले की ही रेवटी पुलिस चौकी अंतर्गत बटई के जंगल में खुखड़ी बिनने गए एक ग्रामीण देवशंकर पटेल की करंट के फंदे की चपेट में आने से मौत भी हो चुकी है। जानकारी के अनुसार बटई के जंगल में खुखड़ी बिनने गया देवशंकर पटेल जब दो दिनों बाद भी घर वापस नहीं लौटा तो 20 अक्टूबर 2022 को उसके लापता होने की रिपोर्ट रेवटी पुलिस चौकी में दर्ज कराई गई थी। रिपोर्ट में घटना से जुड़े एक संदेही के नाम का जिक्र कर लापता ग्रामीण के परिजनों ने पुलिस को बताया था कि उसकी मौत उक्त संदेही द्वारा जंगल में लगाए गए करंट के फंदे की चपेट में आने से हो चुकी है तथा मौत होने के बाद संदेही ने साक्ष्य छुपाने के लिए मृतक के शव को कहीं गायब कर दिया है जिसके बाद पुलिस ने संदेही को पकड़कर केवल पूछ्ताछ करते हुए छोड़ दिया था। पर परिजनों ने हार न मानते हुए कई माध्यमों से घटना का खुलासा करने के लिए पुलिस पर दबाव बनाना जारी रखा। आखिरकार दबाव के आगे झुकते हुए पुलिस ने घटना के 16 माह बाद संदेही व्यक्ति को फिर से हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की तो उसने बताया कि देवशंकर पटेल की मौत उसके द्वारा जंगल में लगाए गए करंट के फंदे की चपेट में आने से हो गई थी जिसके बाद उसने जेल जाने के भय से शव को जंगल में ही दफन कर दिया था। आरोपित द्वारा अपराध की स्वीकारोक्ति के बाद पुलिस ने डाग स्क्वायड की मदद से 2 फरवरी 2023 को जंगल से मृतक के शव का कंकाल बरामद किया था। तब कहीं जाकर पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्रवाई की थी।