प्रतापपुर (सूरजपुर)। पूर्व की कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री रहे भूपेश बघेल ने अपने प्रतापपुर प्रवास के दौरान प्रतापपुर में पत्रकार भवन का निर्माण करने 25 लाख की घोषणा की थी। जिसके बाद यहां के नर्सरी रोड पर पीडब्ल्यूडी के माध्यम से ठेकेदार द्वारा पत्रकार भवन का निर्माण कार्य तो शुरू कर दिया गया पर इस भवन के निर्माण में गुणवत्ता का बिलकुल भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है। पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों व ठेकेदार की मिलीभगत से इस भवन के निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
भवन का निर्माण कार्य कार्ययोजना (स्टीमेट) के अनुरूप बिलकुल भी नहीं किया जा रहा है। भवन के निर्माण में घटिया स्तर की सीमेंट, छड़, गिट्टी व ईंट का उपयोग कर भवन के लिए मिली राशि की बंदरबांट करने का खेल बदस्तूर जारी है पर पीडब्ल्यूडी के अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी मौन बने हुए हैं।
बता दें कि लंबे अर्से की मांग के बाद प्रतापपुर में पत्रकार भवन की स्वीकृति मिली है पर ठेकेदार व विभागीय अधिकारियों की मिली भगत से इसे भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाया जा रहा है। कार्य योजना के विपरीत जाते हुए भवन की दीवारों को ढालने के लिए बनाए गए मसाले में कम सीमेंट व ज्यादा रेत का उपयोग किया गया है जिसके कारण दीवारो में की गई ढलाई अभी से ही उखड़नी शुरू हो गई है। यहां तक कि भवन के पिलरों में लगी छड़ें अभी से ही बाहर निकली हुई दिखाई दे रही हैं।
पाइप की जगह कर रहे बांस का उपयोग
गौरतलब है कि पीडब्ल्यूडी के नियमानुसार पीडब्ल्यूडी के अधीन बन रहे किसी भी शासकीय भवन की छत को ढालने को लगाई गई सेट्रिंग प्लेट को सहारा देने के लिए लोहे के पाइप का इस्तेमाल किया जाना है ताकि छत की गुणवत्ता बरकरार रहे। पर ठेकेदार द्वारा नियमों के विपरित जाते हुए छत की ढलाई करने लगाई गई सेंट्रिंग प्लेटों को सहारा देने के लिए सड़े गले बांस का उपयोग किया गया है जिसके कारण निर्माणधीन छत की मजबूती को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
पत्रकारों ने की एसडीएम से शिकायत
इस विषय को लेकर स्थानीय पत्रकारों ने अनुविभागीया अधिकारी दीपिका नेताम से मौखिक रूप से शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की है। शिकायत पर एसडीएम नेताम ने तत्काल पीडब्ल्यूडी के एसडीओ राजीव वर्मा को फोन कर तत्काल भवन की गुणवत्ता की जांच करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने पत्रकारों से भी कहा है कि वे स्वयं भी भवन का निरीक्षण करने जाएंगी यदि भवन का निर्माण गुणवत्ताहीन करना पाया गया तो संबंधितों के ऊपर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।