★ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने जताई सहमति, बोले जल्द मिलेगा
अंबिकापुर। देश में ईलाज वाले बाबा के नाम से मशहूर रहे प्रदेश के पूर्वमंत्री व बैकुंठपुर विधायक भैयालाल राजवाड़े ने दिल्ली में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया से मुलाकात कर पत्र सौंप कोरिया जिले में एम्स की स्थापना की मांग की है। उन्होंने सौंपे गए पत्र में कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी रायपुर में एम्स हॉस्पिटल की स्थापना की गई है। मैं छत्तीसगढ़ में जिस क्षेत्र से विधानसभा का प्रतिनिधित्व करता हूं वह कोयलांचल एवं अत्यंत पिछड़ा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। समस्त उत्तर छत्तीसगढ़ में गंभीर बीमारियों के रोगी बड़े पैमाने पर है। उत्तर छत्तीसगढ़ की सीमा झारखंड, मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश से भी जुड़ा हुआ है। जहां से लगभग 350 किलोमीटर परिक्षेत्र में कोई भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध नहीं है। रायपुर एम्स में मरीजों की लंबी कतार आपातकालीन सेवा से लेकर सभी विभागों में रहती है। इस क्षेत्र के लोग गंभीर स्वास्थ्य उपचार हेतु रायपुर-बिलासपुर जैसे शहरों के निजी स्वास्थ्य सुविधा के ऊपर निर्भर है। जहां आए दिन शहरों में पैसों के साथ कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है ।
अपने लिखे पत्र में विधायक राजवाडे ने कहा कि क्षेत्र की जनता को स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को मैंने बहुत करीब से देखा है। अपने पिछले कैबिनेट मंत्री के कार्यकाल में मिले शासकीय आवास को अपने उपयोग अनुसार दो कमरे रख बाकि क्षेत्र की जनता की समस्या को देखते हुए रहने, खाने ठहरने व अस्पताल आने-जाने के लिए खोल दिया था। मेरे द्धारा 7615 मरीजो का उपचार कराया गया। लेकिन इन बीते सालों में क्षेत्र की जनता बड़ी संख्या में अपनी स्वास्थ्य समस्या को देखते हुए छत्तीसगढ़ में दूसरे एम्स कोरिया जिले में खोलने की मांग है। इसलिए उपरोक्त समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए जिला कोरिया में एम्स हॉस्पिटल की स्वीकृति प्रदान करें। केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया से मुलाकात के दौरान प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल एवं भाजपा जिला अध्यक्ष कृष्ण बिहारी जायसवाल मौजूद रहे।
★ मिला आश्वासन
विधायक राजवाड़े ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके आवेदन पर केंद्रीय मंत्री ने गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए जल्द ही एम्स की घोषणा करने पर अपनी सहमति जाता दी है। जो कि क्षेत्र समेत आसपास के जिलों के लिए बड़ी बात है। उन्होंने बताया कि एम्स बन जाने से आज की पीढ़ी ही नहीं वरन आने वाले पीढ़ीयो के लिए भी यह वरदान साबित होगा।
★ रायपुर एम्स में नहीं मिलती जगह
फिलहाल रायपुर में स्थित एम्स पर पूरे प्रदेश का भार है। लेकिन यहां मरीज़ को भर्ती कराने के लिए परिजनों को कई घंटे या दिन लग जाते हैं। कई मामलों में तो यहां पहुंचने वाले मरीज़ों को मंत्री, विधायक या अधिकारियों से फ़ोन करवाने के बाद ही एडमिशन मिलता है।