अंबिकापुर। नौ फरवरी को विधानसभा में मंत्री अग्रवाल ने कोरोना काल में बिना निविदा मनमानी तरीके खरीदी गई सामग्री पर चार जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) को निलंबित करने की घोषणा की थी। स्कूल शिक्षा विभाग में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की घोषणा पर आज 2 सप्ताह बाद सोमवार को अफसरों ने अमल कर निलंबन आदेश जारी किया है।
विधानसभा में मंत्री के घोषणा के बाद भी सूरजपुर के तत्कालीन डीईओ विनोद कुमार राय (वर्तमान में डीईओ बलरामपुर), बस्तर की डीईओ भारती प्रधान, मुंगेली के तत्कालीन डीईओ जेपी भारद्वाज, बीजापुर के तत्कालीन डीईओ प्रमोद ठाकुर शामिल हैं। ये अधिकारी अभी तक डीईओ बनकर कुर्सी पर बैठे हुए थे। चूंकि ये अधिकारी उप संचालक व प्राचार्य स्तर के हैं अतः इन पर कार्रवाई केवल सचिव स्तर पर ही की जा सकती है। बता दें कि इन अधिकारियों ने खरीदी नियमों की अनदेखी कर फर्जी बिल वाउचर से घोटाला किया। स्थानीय स्तर पर जांच शुरू हुई तो पता चला कि कोरोना से बचाव के नाम पर बंद स्कूल भवनों को सैनिटाइज करने और मास्क, ग्लोब्स, सैनिटाइजर की खरीदी में बड़ी गड़बड़ी की गई। प्रमोद ठाकुर को जहां बस्तर जेडी कार्यालय अटैच किया गया है। वहीं जीपी भारद्वाज को निलंबित कर जेडी कार्यालय बिलासपुर और विनोद राय को जेडी कार्यालय सरगुजा अटैच किया गया है।