मुख्यमंत्री ने दी बधाई, कहा- सरगुजा के लिए सौभाग्य का दिन, जल्द ही उड़ान सेवा होगी शुरू
अंबिकापुर। सरगुजा स्थित मां महामाया एयरपोर्ट को डीजीसीए द्वारा उड़ान सेवा संचालन हेतु लाइसेंस मिलने से पूरे संभाग में खुशी की लहर है। इसी क्रम में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार प्रदर्शन हेतु प्रशासन द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय दूरभाष के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरगुजा संभाग के लिए सौभाग्य का दिन है कि यहां एयरपोर्ट लाइसेंस प्राप्त हो चुका है, अब जल्द ही उड़ान योजना के अंतर्गत उड़ान सेवा का परिचालन भी शुरू होगा। आज हमें भी आपके बीच रहना था। जिस दिन पहली उड़ान होगी, उस दिन निश्चित रूप से हम उपस्थित रहेंगे। आज जिले में भव्य कार्यक्रम किया जा रहा है। इस उपलब्धि पर समस्त सरगुजा वासियों को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट के नाम में दरिमा छूट गया था, जो संज्ञान में हैं। एयरपोर्ट के नाम में दरिमा शामिल करने के लिए संबंधित अधिकारियों को प्रस्ताव बनाकर भेजने निर्देशित किया गया है जिससे पूर्ण नाम मां महामाया एयरपोर्ट, दरिमा अंबिकापुर होगा।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में लुण्ड्रा विधायक प्रबोध मिंज के साथ विधायक राजेश अग्रवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मधु सिंह, महापौर नगर निगम अंबिकापुर डॉ अजय तिर्की, पूर्व संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज, सरगुजा संभागायुक्त जीआर चुरेंद्र, कलेक्टर विलास भोस्कर, सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी और बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे। सभी जनप्रतिनिधियों ने इस सौगात पर प्रधानमंत्री मोदी, नागरिक उड्डयन मंत्री सिंधिया एवं मुख्यमंत्री साय के प्रति आभार व्यक्त किया। कलेक्टर विलास भोस्कर ने इस दौरान माँ महामाया एयरपोर्ट के बनने के इतिहास की जानकारी दी।
दरिमा हवाई पट्टी से हवाई अड्डे में हुआ उन्नयन
दरिमा हवाई पट्टी का निर्माण वर्ष 1950 में हुआ था। प्रारंभिक दौर में डबल्यूबीएम सतह से निर्मित की गई थी जिसकी लम्बाई 1200 मीटर थी। इस हवाई पट्टी पर वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी आगमन हो चुका है। यह हवाई पट्टी अंबिकापुर शहर से 13 किमी की दूरी पर दरिमा ग्राम में निर्मित है। इसका सम्पूर्ण क्षेत्रफल 365 एकड़ है एवं यह हवाई पट्टी समुद्र तल से 1924 फीट उचाई में स्थित है।
वर्ष 2012-13 में प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में शुरू हुई उडान योजना अन्तर्गत रिजनल कनेक्टीविटी सर्विस के अंतर्गत अंबिकापुर हवाई पट्टी को हवाई अड्डे में उन्नयन किए जाने हेतु शामिल किया गया था। इसके तहत् हवाई पट्टी का उन्नयन वर्ष 2014 में किया गया जिसमें डामरीकरण की सतह को 15 मी. चौड़ाई से बढ़ाकर 30 मी. चौड़ा किया गया तथा टर्मिनल भवन का उन्नयन 20 यात्रियों के आवागमन हेतु कराया गया। जो कि छोटे विमान सेवा (20 सीटर) हेतु अनूकुल था। वर्ष 2021 में इस हवाई अड्डे का विकास 3 सीवीएफआर के मानकों के अनुरूप किया गया।
इसके उपरान्त हवाई अड्डे के विकास हेतु रूपये 46.27 करोड की प्रशासकीय स्वीकृति लोक निर्माण विभाग को जारी की गई। जिसके तहत लोक निर्माण विभाग के द्वारा दिसम्बर 2021 से उन्नयन कार्य 3 सीवीएफआर के अनुरूप प्रारम्भ किया गया। जिसके तहत विभिन्न कार्य कराये गए जिसमें रनवे की लम्बाई 1500 मी. से बढाकर 1800 मी. किया गया। रनवे के मजबूतीकरण हेतु पीसीएन को बढाकर 25 किया गया जिसे एटीआर 72 के अनुरूप किया गया।
नया अप्रोन 110 मी. x 127 मी. का बनाया गया जो कि एक साथ दो एटीआर 72 हवाई जहाज को खडा करने हेतु उपयुक्त है। इसके साथ ही आइसोलेशन वे, दोनों तरफ आरईएसए एवं 25X150 मीटर के दो टैक्सी-वे का निर्माण किया गया है। इसके साथ ही पैरीमीटर रोड एवं अन्य ऐपरोच रोड का डामरीकरण कार्य कराया गया। पूर्ण क्षेत्रफल लगभग 8 किमी की लम्बाई में बाउंड्री वॉल की ऊंचाई 1.5 मी. से बढ़ाकर 3.2 मी. की गई। सारे आन्तरिक मार्गों का डामरीकरण एवं रोड फर्नीचरिंग एवं मार्किंग का कार्य कराया गया। टर्मिनल भवन का उन्नयनीकरण जिसमें 20 यात्रियों की क्षमता से बढाकर 72 यात्रियों के अनुरूप किया गया।
इसके अतिरिक्त एटीसी ऑफिस, एमईटी ऑफिस, एसीसीआर रूम, फायर स्टोर, इलेक्ट्रिकल पैनल रूम एवं अन्य अधोसंरचना के कार्य कराये गए।
उक्त कार्यों को पूर्ण कराकर लोक निर्माण विभाग के द्वारा अप्रैल 2023 को लाईसेंस हेतु आवेदन किया गया जिसके तहत डीजीसीए के द्वारा मई 2023 को निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के उपरान्त जरूरी औपचारिकताओं को पूर्ण करते हुए डीजीसीए के द्वारा 15 मार्च 2024 को मां महामाया एयरपोर्ट को एरोड्रम लाईसेंस जारी किया गया।