बलरामपुर-रामानुजगंज। जिला अंतर्गत 49 धान उपार्जन केंद्रों के द्वारा धान की खरीदी की गई थी। धान खरीदी के करीब एक माह से अधिक बीत जाने के बाद भी अभी तक धान उपार्जन केंद्रों में खुले आसमान के नीचे 5 लाख 13 हजार 460 क्विंटल धान पड़े हैं। मौसम में आए बदलाव से हो रही बूंदाबांदी एवं तेज हवाओं के कारण समितियां के द्वारा धान को सुरक्षित रखने के लिए तमाम उपाय भी नाकाफी साबित हो रहे हैं। धान का उठाव नहीं होने से समितियां को भारी नुकसान की संभावना है।
धान उठाव के लिए समितियां के द्वारा लगातार मौखिक एवं लिखित पत्राचार जिला विपणन अधिकारी से किया जा रहा है। वही आदिम जाति सेवा सहकारी समिति कर्मचारी संघ का प्रतिनिधि मंडल कलेक्टर एवं जिला विपणन अधिकारी से भी मुलाकात कर धान उठाव की गुहार लगा चुके हैं। यहां तक की आदिम जाति सेवा सहकारी समिति कर्मचारी संघ के पदाधिकारी रायपुर जाकर भी धान उठाव की मांग उच्च अधिकारियों से कर चुके हैं। आदिम जाति सेवा सहकारी समिति के जिला अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने एवं अन्य पदाधिकारी ने कहा कि धान का उठाव नहीं होने से हम सब काफी चिंतित हैं इसके लिए कई बार हम लोग पत्राचार कर चुके हैं एवं उच्च अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं परंतु अब तक धान का उठाव नहीं हो सका है। धान का उठाव नहीं होने से समितियां को भारी नुकसान की संभावना है।गुप्ता ने कहा कि धान का उठाव हो भी रहा है तो भेदभाव पूर्ण नीति अपनाई जा रही है जो समितियां मिलर के नजदीक है वहां का धान उठ रहा है बाकी समितियां का धान नहीं उठ रहा है।
तेज आंधी तूफान से तिरपाल फटा, धान भींगा
तेज आंधी तूफान एवं वर्षा से वीरेंद्र नगर समिति, चांदो समिति, कामेश्वर नगर समिति सहित अन्य समितियां के तिरपाल फट गए एवं धान पानी में भीग गया है। धान के पानी में भीगने से अब अंकुरण का भी खतरा मंडराने लगा है।
कलेक्टर आर एक्का ने कहा कि करीब 5 लाख क्विंटल धान समितियों में बचा हुआ है। यह पूरे का पूरा फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के लक्ष्य का बचा है। नान का पूरा धान उठ चुका है। 2 लाख क्विंटल धान का परमिट मिला है। 2 लाख क्विंटल का डियो कटवा रहे हैं। सूरजपुर जिले के लिए दे रहे हैं, जल्द धान उठ हो जाएगा। 3 लाख क्विंटल का भी जल्द परमिट मिल जाएगा इसके बाद उसका उठाव होगा। प्रयास है कि जल्द से जल्द धान का उठाव हो जाए।