अप्रैल फूल डे यानी हंसी मजाक का दिन। आज किसी से दो पल को मूर्ख बनाकर, मजाक-मजाक में झूठ बोलकर और फिर हंसते- हंसाते दिन को यादगार बनाने का दिन यानी अप्रैल फूल डे है। इस मूर्ख दिवस पर आप भी अपने यार-दोस्तों और स्वजन के साथ हंसी-मजाक कर स्वस्थ मनोरंजन कर सकते हैं। बस ध्यान ये रखें कि इसके चलते किसी का दिल न दुखे।
पश्चिम से आए इस मूर्ख दिवस पर अपने देश ही नहीं, शहर में भी क्रेज देखने को मिलता है। दुनिया की ज्यादातर जगहों पर भले ही एक अप्रैल को मूर्ख दिवस के रूप में मनाया जाता है, लेकिन अपने यहां इसे काफी पहले से ही एक अप्रैल के बाद भी सेलिब्रेट किया जाता है। अपनों के बीच गिफ्ट के खाली डिब्बे देकर तो कभी नकली काकरोच या छिपकली से एक-दूसरे को डराकर लोग खुश होते हैं। मतलब आप इस दिन किसी को भी बेझिझक होकर बेवकूफ बना सकते हैं और सबसे अच्छी बात कि इसका कोई बुरा भी नहीं मानता।
ऐसे हुई शुरुआत
अप्रैल फूल को लेकर कई कहानियां प्रचलित है। कहा जाता है कि अप्रैल फूल्स डे (मूर्ख दिवस) की शुरुआत फ्रांस में 1582 में उस वक्त हुई, जब पोप चार्ल्स नवम ने पुराने कैलेंडर की जगह नया रोमन कैलेंडर शुरू किया। बताया जाता है कि इस दौरान छ लोग पुरानी तारीख पर ही नया साल मनाते रहे और उन्हें ही अप्रैल फूल्स कहा गया। साथ ही उनका मजाक भी मनाया गया, हालांकि कई जगह इसकी शुरुआत 1392 भी बताई जाती है। इसके कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है। वहीं फ्रांस, इटली, बेल्जयम में कागज की मछली बनाकर लोगों के पीछे चिपका दी जाती है और मजाक बनाया जाता है। वहीं स्पेनिश बोलने वाले देशों में 28 दिसंबर को अप्रैल फूल मनाया जाता है, जिसे हे आफ होली इनोसेंट्स कहा जाता है। ईरानी फारसी नए साल के 13वें दिन एक-दूसरे पर तंज कसते हैं, यह एक या दो अप्रैल का दिन होता है। डेनमार्क में एक मई को यह मनाया जाता है और इसे मज-कट कहते हैं।