बुधवार को ताइवान में 7.4 तीव्रता के भूकंप के बाद जापान ने ओकिनावा प्रान्त में सुनामी की चेतावनी जारी की गई है। आशंका जताई जा रही है कि सुनामी की लहरें तीन मीटर ऊंची हो सकती हैं। ताइवान में पिछले 25 सालों में इतना तेज़ भूकंप नहीं आया था।
जापान ने ओकिनावा के तटीय इलाक़ों से लोगों को सुरक्षित निकाले जाने की एडवाइजरी जारी की है। जापान के सरकारी प्रसारण एनएचके अनुसार, सुनामी सुबह 9:30 बजे के आसपास इरिओमोटे और इशिगाकी द्वीपों पर टकराएगी और सुबह 10:00 बजे के आसपास मियाकोजिमा और ओकिनावा के मुख्य द्वीप तक पहुँच सकती हैं। यहां रहने वाले लोगों को सावधान रहने की चेतावनी दी गई है क्योंकि मार्च 2011 में जब तोहोकू में भूकंप आया और फिर सुनामी आई तो शुरुआत में लहरें केवल कुछ सेंटीमीटर ही थीं लेकिन ये भयानक सुनामी में तब्दील हो गया।
11 मार्च 2011 में जापान के पूर्वोत्तर तट पर 9 तीव्रता का भूकंप आया था जो जापान के रिकॉर्ड का सबसे तगड़ा भूकंप माना जाता है। इसके बाद वहां भयावह सुनामी आयी, इसके कारण दुनिया ने हालिया समय का सबसे बुरा परमाणु संकट देखा।
सुनामी के कारण फुकुशिमा में न्यूक्लियर रिएक्टर के ठंडे होने से पहले ही बिजली चली गई और रिएक्टर से रेडियोएक्टिव तत्वों का रिसाव हो गया। इसके कारण जापान सरकार को इस इलाके को नो-फ्लाई ज़ोन बनाना बड़ा और आसपास की बसावट खाली बनानी पड़ी। रूस के चर्नोबिल के बाद इसे सबसे बुरा न्यूक्लियर संकट माना जाता है। जापान में भूकंप आना आम बात है। ये दुनिया के सबसे भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्रों में से एक है। (बीबीसी.कॉम/हिंदी)