सूरजपुर। जयनगर पुलिस ने हत्या के एक मामले में बड़ी सूझबूझ के साथ पिता की हत्या के आरोपी पुत्र को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी पुत्र द्वारा पिता की हत्या कर पुलिस को गुमराह करने दुर्घटना की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने आरोपी के विरुद्ध धारा 302, 201, 506 के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पहाड़गांव के सत्तीपारा में रहने वाले राजेंद्र सिंह 60 वर्ष ने अपने बैल को बेच दिया था। इसकी जानकारी होने पर बीते चार अप्रैल की देर शाम को राजेंद्र सिंह और उसके पुत्र मनोज सिंह के बीच वाद विवाद हुआ। बैल बेच देने की बात से नाराज मनोज सिंह ने अपने पिता राजेंद्र सिंह के साथ गाली गलौज करते हुए लोहे की रॉड से उस पर प्राण घातक हमला कर दिया। उसने हमले में खून से लथपथ अपने पिता को रात भर घर में रखा और दूसरे दिन एंबुलेंस में जिला चिकित्सालय ले गया। वहां से रायपुर रिफर कर दिए जाने पर वह अपने घायल पिता को लेकर रायपुर जा रहा था। इस दौरान लखनपुर के समीप उसकी हालत बिगड़ने पर मनोज अपने पिता को लेकर लखनपुर चिकित्सालय ले गया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया था।
झूठी रिपोर्ट का हुआ पर्दाफाश, पकड़ा गया आरोपी पुत्र
पिता की मौत के बाद साजिश पूर्वक मनोज सिंह ने लखनपुर थाना पहुंचकर दुर्घटना में पिता की मौत हो जाने की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मर्ग डायरी लखनपुर थाने से जयनगर थाना पहुंचने पर जयनगर पुलिस ने मर्ग डायरी की जांच शुरू की, तो चौकाने वाले तथ्य प्रकाश में आए। मौके पर जांच के दौरान मृतक राजेन्द्र सिंह के परिजनो ने मृतक राजेन्द्र सिंह की मृत्यू पर संदेह व्यक्त किया। एसपी एमआर आहिरे के निर्देश पर एसडीओपी नन्दनी ठाकुर के मार्गदर्शन में प्रकरण की सूक्ष्मता से जांच की गई। जांच में मनोज सिंह ने जुर्म कबूल करते हुए अपने पिता पर राड से प्राणघातक हमला करने और मृत्यु होने पर लखनपुर थाना में पुलिस को गुमराह करने दुर्घटना की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामले में हत्या की पुष्टि होने पर जयनगर पुलिस ने आरोपित मनोज सिंह पिता राजेंद्र सिंह 23 वर्ष के विरुद्ध धारा 302, 201, 506 के तहत अपराध दर्ज करते हुए उसकी गिरफ्तारी की। आरोपित को न्यायालय में पेश किए जाने के बाद सूरजपुर न्यायालय ने उसे न्यायिक अभिक्षा में जेल भेज दिया। इस कार्रवाई में प्रशिक्षु उप पुलिस अधीक्षक थाना प्रभारी जयनगर स्निग्धा सलामें, एएसआई प्रवीण राठौर, प्रधान आरक्षक रजिन्दर एक्का, महेंद्र सिंह, संतोषी वर्मा, आरक्षक विकास मिश्रा, सोनू सिंह, सुरेश तिवारी, अविनाश कुजूर, राजीव गवेल का योगदान रहा है।