अंबिकापुर (thetarget365)। अंबिकापुर शहर के नमनाकला राजमोहनी देवी भवन के पीछे बहुचर्चित जमीन घोटाले में एक और आरोपी भू-माफिया को गिरफ्तार कर पुलिस ने न्यायालय में पेश किया है।
पूर्व में ही कलेक्टर न्यायालय सरगुजा द्वारा सभी रजिस्ट्री शून्य घोषित कर 4.22 एकड़ शासकीय भूमि को वापस नजूल मद में दर्ज कर दिया गया है। मामले में तत्कालीन नजूल अधिकारी, दो आरआई व अन्य के खिलाफ भी अपराध दर्ज हुआ है।
मामले में बंसु लोहार ने कुछ समय पूर्व ही न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था। पुलिस ने उसके पुत्र रामकुमार को गिरफ्तार किया, अभी पिता-पुत्र दोनों जेल में हैं। प्रकरण की विवेचना के दौरान आकाश अग्रवाल 34 वर्ष निवासी घुटरापारा, अंबिकापुर के भू माफिया के रूप में काम करने की पुष्टि हुई। पुलिस ने आकाश अग्रवाल को गिरफ्तार किया। आरोपी ने मामले में संलिप्तता स्वीकार की। आरोपी आकाश अग्रवाल के पास से उसके भाई शेखर की रजिस्ट्री भी जब्त की गई है। पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी आकाश के द्वारा आरोपी बंसु का बैंक अकाउंट फॉर्म भरा गया था। शासकीय भूमि के संबंध में तैयार आरआई पंचनामा में हस्ताक्षर किया गया। आरोपी के द्वारा अन्य आरोपियों के साथ मिलकर शासकीय नजूल भूमि के मूल रिकार्ड में कूट रचना कर शासकीय भूमि को निजी मद में दर्ज कराने एवं बेचने में उसकी संलिप्तता मिली है। आरोपी भूमाफिया आकाश अग्रवाल को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। कार्रवाई में टीआई मोरध्वज देशमुख, एसआई वंश नारायण शर्मा, रेशम लाल, महिला प्रधान मालती तिवारी, आरक्षक अनुज जायसवाल, पंकज, बृजेश राय एवं अन्य पुलिस स्टाप सक्रिय रहे।
बता दें शहर के नमनाकला स्थित शासकीय नजूल की भूमि खसरानंबर 243/1 में से रकबा 1.710 हेक्टयर भूमि को फर्जी तरीके से नामांतरित कर उक्त भूमि करोड़ों रूपए में दूसरों को बेच दी गई थी। उक्त भूमि का पट्टा सिंहदेव योजना के तहत बंशू लोहार को जारी किया गया था, लेकिन भूमि के नजूल घोषित हो जाने के कारण व्यवस्थापन नहीं हो सका। बंशू लोहार के मृत होने के बाद उसके स्थान पर भूमाफियाओं ने दूसरा बंशू लोहार खड़ा किया। जांच के बाद मामले में मिलीभगत के आरोप में तत्कालीन नजूल अधिकारी नीलम टोप्पो, तत्कालीन नजूल लिपिक अजय तिवारी, आरआई नारायण सिंह, राहुल सिंह, बंशूल लोहार सहित अन्य के खिलाफ गांधीनगर पुलिस ने धारा 420, 467, 468, 471, 120(बी) का अपराध दर्ज किया था। शासकीय कर्मियों का अंबिकापुर न्यायालय से अंतिरिम जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। लेकिन पुलिस अभी तक मामले में शामिल किसी भी शासकीय कर्मचारी को गिरफ्तार नही कर सकी है।