अंबिकापुर (thetarget365)। लोकसभा चुनाव के दौरान हथियार जमा नहीं करने वाले शस्त्र लाइसेंस धारियों के विरूद्ध कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी द्वारा कार्रवाई की जा रही है। एसपी के प्रतिवेदन पर कलेक्टर विलास भोस्कर ने धर्मवीर सिंह उर्फ छोटन सिंह का शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर दिया है। छोटन सिंह के खिलाफ झारखंड में हत्या, बलवा सहित अन्य धाराओं के तहत अपराध दर्ज हैं। अंबिकापुर व बलरामपुर क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक अपराध दर्ज होने के कारण एसपी सरगुजा ने लाइसेंस निरस्त करने की अनुशंसा की थी। अन्य तीन लाइसेंसधारियों के लाइसेंस नियमों का पालन नहीं करने के कारण निलंबित किया गया है।
जानकारी के अनुसार लोकसभा निर्वाचन 2024 के तहत जिले में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद शस्त्रधारियों को आयुध अधिनियम 1959 की धारा 21 के तहत अपने आग्नेय शस्त्र नजदीकी थाने में जमा करने का आदेश दिया गया था। इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर पुलिस अधीक्षक सरगुजा द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी विलास भोस्कर द्वारा निरंतर शस्त्र निलंबन अथवा निरस्त किए जाने की कार्रवाई की जा रही है। एसपी के प्रतिवेदन पर कलेक्टर ने धर्मवीर सिंह उर्फ छोटन सिंह, निवासी पीरसोत, बलरामपुर, वर्तमान निवास प्रतापपुर रोड अंबिकापुर का शस्त्र लाइसेंस जारी किया गया था। छोटन सिंह के खिलाफ झारखंड में धारा 147, 148, 149, 302 व 27 आर्म्स एक्ट सहित दो अपराध, अंबिकापुर थाने में 384, 507 का अपराध दर्ज है। इसके अलावे बलरामपुर में आधा दर्जन अपराध वर्ष 2002 से 2022 के बीच दर्ज हुए हैं। सरगुजा एसपी ने विभिन्न मामलों में अलग-अलग थानों में प्रकरण दर्ज होने के कारण निरस्तीकरण की अनुशंसा की गई थी। मामले में धर्मवीर सिंह द्वारा प्रथम दृष्टया शस्त्र अनुज्ञप्ति की शर्तों का स्पष्ट उल्लंघन किया जाना पाया गया। इस कारण आवेदक धर्मवीर सिंह की शस्त्र अनुज्ञप्ति को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है।
तीन शस्त्रधारियों के लाइसेंस निलंबित
शस्त्र रखने और जमा करने के नियमों का उल्लंघन करने पर पुलिस अधीक्षक सरगुजा द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के अनुसार सोनपुरकला निवासी राजेश कुमार वर्मा, देवीगंज रोड निवासी मयंक सिंह और सीतापुर निवासी रामजी प्रसाद का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है। इनके द्वारा नियम का उल्लंघन कर निर्धारित समय में शस्त्र नजदीकी थाने में जमा नहीं कराया गया है। इसपर पुलिस अधीक्षक द्वारा उनके शस्त्र लाइसेंस को नवीनीकरण नहीं किए जाने की अनुशंसा की गई। शस्त्र अनुज्ञप्ति की शर्तों का उल्लंघन करने पर आयुध अधिनियम 1959 की धारा 17 उपधारा (3) में उल्लेखित प्रावधानों के तहत तत्काल प्रभाव से उक्त तीनों का लाइसेंस आगामी आदेश पर्यंत निलंबित किया गया है।