★ लखनपुर के पुष्प वाटिका में युवक की हत्या कर फेंके गए शव का पुलिस की पर्दाफाश
अंबिकापुर (thetarget365)। लखनपुर थाना क्षेत्र के नेशनल हाईवे-130 में हृदय स्थल में स्थित खरिखा पखना तालाब, पुष्प वाटिका में मंगलवार को युवक की हत्या कर फेंके गए शव की गुत्थी पुलिस सुलझा ली है। पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमोलक सिंह ढिल्लो ने घटनाक्रम का पर्दाफाश करते हुए बताया कि लखनपुर थाना क्षेत्र के ग्राम रजपुरी निवासी शिवनारायण सिंह ने पुलिस को सूचना दी थी कि उसका छोटा भाई रामनारायण पिता जयनाथ राम 32 वर्ष शराब पीकर आसपास के गांव में घूमते रहता था। दो जून को शाम सात बजे के लगभग वह घर से निकला और वापस नहीं लौटा। चार जून को सुबह 6.30 बजे के लगभग पता चला कि उसका छोटा भाई रामनारायण खरिखा तालाब के पास पुष्प वाटिका लखनपुर में मृत पड़ा है। इसकी जानकारी मिलने पर वह पुष्प वाटिका लखनपुर गया और देखा कि उसका छोटा भाई तालाब के मेड़ में मरा पड़ा था। उसके शव को ऊपर से हैज शो पौधे का डंगाल से ढक दिया गया था, उसके सिर एवं नाक से खून निकला था और शरीर में जगह-जगह चोट के निशान थे। शव की पहचान करने के बाद वह इसकी रिपोर्ट लखनपुर थाने में दर्ज कराया था, जिस पर पुलिस ने धारा 302, 201 का मामला दर्ज कर विवेचना में लिया था। मामले की विवेचना लखनपुर थाना प्रभारी निरीक्षक मनोज प्रजापति व एफएसएल की टीम ने संयुक्त की तो सामने आया कि मृतक की मुलाकात तीन मई को सुशील दास 38 वर्ष निवासी लखनपुर से हुई थी। दोनों साथ में शराब पिए थे। मृतक लगभग एक हजार रुपये रखा था, जिस पर शराब पीने के दौरान आरोपी सुशील की नजर पड़ गई थी। शराब पीने के बाद आरोपी सुशील ने रामनारायण से रुपये की मांग की, जिस पर वह रुपये देने से इन्कार कर दिया था। इसके बाद आरोपी डंडे से छाती, सिर, चेहरे में वार करके उसकी हत्या कर दिया था। हत्या के बाद वह शव को घसीटते लगभग 20 मीटर दूर पुष्पवाटिका में ले गया और शव को पौधे के डंगाल से छिपा दिया था। संदेही आरोपी को गिरफ्तार करके पुलिस पूछताछ की तो उसने शराब पीने के बाद रुपये नहीं देने पर हत्याकांड को अंजाम देना स्वीकार किया। पुलिस ने आरोपी को न्यायिक रिमांड में भेज दिया है। कार्रवाई में लखनपुर थाना प्रभारी मनोज प्रजापति के साथ साइबर सेल प्रभारी मोरध्वज देखमुख, उपनिरीक्षक एलआर चौहान, सहायक उपनिरीक्षक विवेक पांडेय, प्रधान आरक्षक सुधीर सिंह, रवि सिंह, आरक्षक सत्येंद्र दुबे, संजीव चौबे, अमित विश्वकर्मा, जानकी राजवाड़े, दशरथ राजवाड़े शामिल थे।