प्रतापपुर (thetarget365)। सूरजपुर जिले की जनपद पंचायत प्रतापपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत गोविंदपुर में मनरेगा योजना के तहत तालाब गहरीकरण के कार्य में पांच लाख की अनियमितता का मामला प्रकाश में आया है।
जानकारी के अनुसार गोविंदपुर की शासकीय भूमि पर स्थित एक पुराने तालाब का गहरीकरण करने के लिए शासन ने मनरेगा योजना के तहत पांच लाख की स्वीकृति प्रदान की थी। योजनांतर्गत गहरीकरण का पूरा कार्य मजदूरों के माध्यम से कराने के निर्देश थे। पर बताया जा रहा है कि गांव के सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक व मेट ने आपसी मिली भगत से मजदूरों के स्थान पर एक्सीवेटर मशीन के माध्यम से तालाब गहरीकरण के कार्य को आधा अधुरा कर पूरी राशि की बंदरबांट कर ली।
ग्रामीणों का आरोप है कि उक्त पंचायत कर्मियों ने शासन के निर्देशों को ताक पर रखते हुए गुपचुप तरीके से आधी रात के समय एक्सीवेटर मशीन से तालाब की मिट्टी को कुछ घंटों तक इधर उधर से खोद कर कार्य पूर्ण हुआ दिखा दिया। पंचायत कर्मियों ने सुनियोजित तरीके से राशि की बंदरबांट करने मस्टर रोल में अपने चहेते लोगों की फर्जी हाजरी भर कर उन्हें सात से लेकर दस दिनों तक मनरेगा के तहत कार्य करना दिखा दिया। कुल मिलाकर जिन लोगों ने तालाब के गहरीकरण में कोई कार्य ही नहीं किया था उनके खातों में फर्जी हाजरी के दम पर तालाब गहरीकरण के लिए मिली पूरी राशि को भेजकर बंदरबांट के खेल को अंजाम दे दिया गया। जब इस बात की जानकारी ग्रामीणों को मिली तो गांव में हंगामा खड़ा हो गया। हंगामा खड़ा होता देख ग्रामीणों के हक पर डाका डालने वाले पंचायतकर्मी मामले को शांत करने के लिए एक्सीवेटर मशीन से हुए इस कार्य में ग्रामीणों की भी हाजरी भरने की बात कहने लगे। ग्रामीणों का कहना है कि जब उन्होंने पंचायत कर्मियों की बात न मानकर शासन प्रशासन से शिकायत करने की बात कही तो पंचायतकर्मी भड़कते हुए कहने लगे कि हम लोग ऊपर तक पैसा देते हैं चाहे जहां शिकायत कर लो हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
एक्सीवेटर मशीन सचिव के रिश्तेदार के नाम पर
ग्रामीणों का आरोप है कि जिस एक्सीवेटर मशीन से एक ही रात में तालाब का गहरीकरण होना दिखा दिया गया वह मशीन सचिव की ही है जिसे वह अपने किसी रिश्तेदार के नाम से खरीदा है। इसी मशीन के माध्यम से सचिव द्वारा निजी लाभ कमाने के लिए मनरेगा के अन्य कार्य भी कराए जाते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि गहरीकरण करने के लिए तालाब में मौजूद जिस कचरे को बाहर निकालना था उसे एक्सीवेटर मशीन के जरिए इकट्ठा कर तालाब के बीच में ही ढेर लगाकर छोड़ दिया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि सबूत के तौर पर तालाब के भीतर अभी भी एक्सीवेटर मशीन के टायरों के निशान देखे जा सकते हैं।
बारिश का कर रहे इंतजार
बताया जा रहा है कि एक्सीवेटर मशीन द्वारा तालाब गहरीकरण का आधा अधूरा कार्य कर अनियमितता बरतने वाले पंचायतकर्मी अब जांच के डर से बारिश आने की बाट जोह रहे हैं। क्योंकि जब बारिश शुरू हो जाएगी तो तालाब पानी से भर जाएगा। और तालाब जब पानी से भर जाएगा तो गहरीकरण तय मानक के आधार पर हुआ है या नहीं इसका सही तरीके से आंकलन करना मुश्किल हो जाएगा।
आपके माध्यम से मामला संज्ञान में आया है मामले की पूरी गंभीरता से जांच कराई जाएगी जो लोग भी दोषी पाए जाएंगे उन पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
कमलेश नंदिनी साहू
जिला पंचायत सीईओ सूरजपुर