अंबिकापुर (thetarget365)। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बीती रात ड्यूटी पर तैनात नर्सों की लापरवाही की वजह से ऑक्सीजन नहीं मिलने पर मरीज की जान चली गई। परिजनों ने नर्सों पर लापरवाही करने का आरोप लगाया है। वहीं अस्पताल प्रबंधन ने टीम गठित कर जांच करने का आश्वासन दिया है।
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सरगुजा संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल होने के साथ ही मेडिकल कॉलेज अस्पताल भी है। यह अस्पताल 600 से अधिक बेड के साथ संचालित किया जा रहा है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही उस वक्त सामने आई जब सूरजपुर जिला अस्पताल से रेफर होकर मरीज व मरीज के परिजन फेफड़े के इलाज के लिए अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे। जहां इलाज के लिए राम चन्द्र ठाकुर 50 वर्ष निवासी ग्राम बांसापारा जिला सूरजपुर को भर्ती किया गया। नर्सो के द्वारा बिना देखभाल और ऑक्सीजन नहीं मिलने की वजह से रात 8 बजे राम चन्द्र ठाकुर की जान चली गई। परिजनों ने कहा कि अगर पैसे होते तो जिला अस्पताल कभी नहीं आते। मृतक का पुत्र संजय कुमार ठाकुर ने बताया कि कई बार बुलाने के बावजूद भी नर्स नहीं पहुंची। नोजल में खराबी की वजह से पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं आने की कई बार शिकायत नर्सों से की गई। लेकिन एक बार भी किसी नर्स ने आकर उसे चेक नहीं किया और पिता की जान चली गई। अस्पताल में दूसरे मरीज के परिजनों ने भी स्वास्थ्य कर्मचारियों पर लापरवाही करने का आरोप लगाया है।
इलाज में लापरवाही को लेकर अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि स्टाफ नर्सो का आचरण और बुलाने पर नहीं आने की समस्याओं सहित ऑक्सीजन नही मिलने की जांच के लिए टीम गठित की जाएगी। साथ ही अस्पताल प्रबंधन ने भी माना की गरीब तबके के लोग पैसे नही होने पर ही शासकीय अस्पताल में जाते हैं नही तो बड़े-बड़े प्राईवेट अस्पताल में इलाज के लिए जाते।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नर्सों की लापरवाही पहली बार सामने नहीं है। इससे पहले भी इस तरह से लापरवाही का मामला सामने आता रहा है। बावजूद इसके स्वास्थ्य कर्मचारियों में सुधार नहीं हो रहा है। यही वजह है कि अस्पताल में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मचारियों की लापरवाही के साथ मरीज व मरीज के परिजनों के साथ अभद्र व्यवहार की शिकायतें लगातार मिलती रहती हैं।