अंबिकापुर (thetarget365)। मां महामाया एयरपोर्ट दरिमा से नियमित विमान सेवा एयरलाइन कंपनी पर निर्भर है। यह योजना मांग चलित व्यवस्था है इसमें एयर लाइन कंपनियां ही विमान परिचालन का आकलन करते हैं। योजना के तहत अंबिकापुर -बिलासपुर-रायपुर हवाई मार्ग पर 19 सीटर विमान संचालन फ्लाई बिग को अवार्ड किया गया है। विमान की उपलब्धता पर एयरलाइन कंपनी जल्द ही उड़ाने शुरू कर सकती है।
यह जानकारी केंद्रीय नागर विमानन मंत्री राममोहन नायडू किंजरापु ने अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल को पत्र के माध्यम से दिया है। इस जानकारी से स्पष्ट है कि एयर लाइन कंपनियों पर ही अंबिकापुर के दरिमा से नियमित उड़ान की निर्भरता टिकी हुई है। कंपनियां चाहेंगी तो यह सुविधा आरंभ हो सकती है अन्यथा नियमित विमान सेवा के लिए लंबी प्रतीक्षा करनी पड़ेगी।
दरअसल अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल ने केंद्रीय नागर विमानन मंत्री को पत्र लिखकर अंबिकापुर के दरिमा से नियमित विमान सेवा आरंभ करने की मांग की थी। इस पत्र के जबाब में केंद्रीय मंत्री ने लिखित रूप से अवगत कराया है कि अंबिकापुर हवाई अड्डा छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के स्वामित्व में है। ‘उड़ान’ योजना के पहले दौर की बोली प्रक्रिया के अंतर्गत अंबिकापुर हवाई अड्डे को उड़ानों के प्रचालन के लिए चिन्हित किया गया था। ‘उड़ान’ योजना एक मांग-चालित व्यवस्था है। एयरलाइन प्रचालक विशेष मार्गों पर परिचालन की व्यवहार्यता का आकलन करते हैं और समय-समय पर योजना के तहत बोली लगाते हैं। एयरलाइनों का चयन पारदर्शी बोली प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है। ‘उड़ान 4.2’ के अंतर्गत, अंबिकापुर-बिलासपुर- अंबिकापुर और अंबिकापुर-रायपुर-अंबिकापुर हवाई मार्ग, 19 सीटर विमान द्वारा संचालन हेतु मैसर्स फ्लाई बिग को अवॉर्ड किए गए हैं। आवश्यक विमान की उपलब्धता के आधार पर एयर लाइन जल्द ही उड़ानें शुरू कर सकती है।
एयरलाइन कंपनियां लेती है निर्णय
केंद्रीय नागर विमानन मंत्री राममोहन नायडू किंजरापु ने विधायक को प्रेषित पत्र में यह जानकारी भी दी है कि मार्च 1994 में वायु निगम अधिनियम के निरसन के साथ ही भारतीय घरेलू विमानन को नियंत्रणमुक्त कर दिया गया है। देश के किसी भी हवाई अड्डे से तथा हवाई अड्डे तक हवाई सेवाओं के प्रारंभ करने के संबंध में एयरलाइनों को अपनी परिचालन और व्यावसायिक लाभप्रदता के आधार पर निर्णय लेना होता है। इसके बाद भी विधायक के अनुरोध पर सकारात्मक विचार करने के लिए इसे सभी अनुसूचित घरेलू एयरलाइनों के साथ साझा किया गया है।
अंबिकापुर विधायक ने लिखा था पत्र
अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल ने केंद्रीय नागर विमानन मंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया था कि उत्तर छत्तीसगढ़ को हवाई सेवा संपर्क की सुविधा उपलब्ध कराने वाला दरिमा एयरपोर्ट पूर्ण रूप से बनकर तैयार हो चुका है जिसका तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा परीक्षण किया जा चुका है। डीजीसीए की ओर से लाइसेंस भी जारी हो चुका है। लाइसेंस प्राप्त होने उपरांत उद्घाटन की औपचारिकाएं पूर्ण हो चुकी है। किन्तु छह माह से इस क्षेत्र के लोगों को इस एयरपोर्ट का लाभ नही मिल पा रहा है। विधायक ने मां महामाया हवाई अड्डा को क्रमशः रायपुर, नागपुर, बनारस एवं नई दिल्ली तक जोड़ने की मांग की थी ताकि इस क्षेत्र के लोगों को इस एयरपोर्ट का लाभ मिल सके।
46 करोड़ से अधिक राशि खर्च हुई उन्नयन में
हवाई अड्डे के विकास हेतु 46.27 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति लोक निर्माण विभाग को जारी की गई। जिसके तहत लोक निर्माण विभाग के द्वारा दिसम्बर 2021 से उन्नयन कार्य थ्री सीवीएफआर के अनुरूप प्रारम्भ किया गया। जिसके तहत विभिन्न कार्य कराये गए जिसमें रनवे की लम्बाई 1500 मीटर से बढाकर 1800 मीटर किया गया। रनवे के मजबूतीकरण हेतु पीसीएन को बढाकर 25 किया गया जिसे एटीआर 72 के अनुरूप किया गया। यहां सुरक्षा के लिए एक डीएसपी के साथ 60 का पुलिस बल कर्त्तव्यस्थ है। मौसम विभाग का केंद्र संचालित हो रहा है। अग्निशमन के अधिकारी-कर्मचारियों की भी पदस्थापना कर दी गई है।
एक साथ 72 सीटर के दो विमान हो सकते हैं खड़े
दरिमा एयरपोर्ट में नया अप्रोन 110 मीटर गुणा 127 मीटर का बनाया गया जो कि एक साथ दो एटीआर 72 हवाई जहाज को खडा करने हेतु उपयुक्त है। इसके साथ ही आइसोलेशन वे, दोनों तरफ आरईएसए एवं दो टैक्सी-वे का निर्माण किया गया है। इसके साथ ही पैरीमीटर रोड एवं अन्य ऐपरोच रोड का डामरीकरण कार्य कराया गया। पूर्ण क्षेत्रफल लगभग आठ किमी की लम्बाई में बाउंड्री वॉल की ऊंचाई 1.5 मीटर से बढ़ाकर 3.2 मीटर की गई। सारे आन्तरिक मार्गों का डामरीकरण एवं रोड फर्नीचरिंग एवं मार्किंग का कार्य कराया गया। टर्मिनल भवन का उन्नयनीकरण जिसमें 20 यात्रियों की क्षमता से बढाकर 72 यात्रियों के अनुरूप किया गया।
बेहतर सुविधाओं के कारण मिला लाइसेंस
दरिमा एयरपोर्ट पर डीजीसीए के मानक के अनुरूप सारी सुविधाएं विकसित की गई है।यहां एटीसी कार्यालय, एमईटी कार्यालय, एसीसीआर रूम, फायर स्टोर, इलेक्ट्रिकल पैनल रूम एवं अन्य अधोसंरचना के कार्य कराए गए हैं। उक्त कार्यों को पूर्ण कराकर लोक निर्माण विभाग के द्वारा अप्रैल 2023 को लाइसेंस हेतु आवेदन किया गया जिसके तहत डीजीसीए के द्वारा मई 2023 को निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के उपरान्त जरूरी औपचारिकताओं को पूर्ण करते हुए डीजीसीए के द्वारा 15 मार्च 2024 को मां महामाया एयरपोर्ट को एरोड्रम लाईसेंस जारी किया गया।