प्रतापपुर @thetarget365 सूरजपुर जिला अंतर्गत विकासखंड प्रतापपुर के गोवर्धनपुर गांव में स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में वेतन देने के नाम पर किया गया लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा सामने आया है। लगातार अनुपस्थित रहने वाली एक शिक्षिका का वेतन प्राचार्य के खाते में भेजा जा रहा है।
यहां लगभग तीन वर्षों से एक अतिथि शिक्षिका को कार्यरत दिखाया जा रहा है पर शिक्षिका कभी भी विद्यालय नहीं आती हैं। इसके बावजूद शिक्षिका के नाम से लगभग तीन वर्षों से वेतन जारी किया जा रहा है। जारी किए जा रहे वेतन का योग अब तक लाखों रुपए में पहुंच चुका है। बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षिका के स्थान पर अनाधिकृत रूप से गांव के ही एक ऐसे व्यक्ति (गैर शिक्षक) की नियुक्ति कर दी गई है जो न तो शासन द्वारा अधिकृत शिक्षक है और न उसे शिक्षकीय कार्य का कोई अनुभव है।
इस अजीबोगरीब मामले का खुलासा क्षेत्र के ही एक छात्र नेता अंकुर पटेल ने किया है। छात्र नेता ने बताया कि शिक्षिका विद्यालय में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने तभी आती हैं जब विद्यालय के दौरे पर स्कूल शिक्षा विभाग के कोई अधिकारी आते हैं। स्कूल प्रबंधन द्वारा विद्यालय में हमेशा अनुपस्थित रहने वाली अतिथि शिक्षिका की फर्जी हाजरी भर उन्हें स्कूल शिक्षा विभाग के समक्ष उपस्थित दिखाया जा रहा है। इस फर्जी हाजरी के कारण स्कूल शिक्षा विभाग उक्त शिक्षिका के नाम से लगभग तीन वर्षों से प्रति माह बीस से पच्चीस हजार के बीच वेतन जारी कर रहा है। आश्चर्य का विषय तो यह है कि जारी किया जा रहा वेतन शिक्षिका के खाते में नहीं बल्कि प्राचार्य के खाते में आ रहा है। इस वेतन का कुछ हिस्सा शिक्षिका के स्थान पर अनाधिकृत रूप से तैनात गैर शिक्षक को दिया जाता है तथा बाकी के हिस्से को विद्यालय प्रबंधन द्वारा हजम कर लिया जाता है।
हालांकि विभाग द्वारा जिन अतिथि शिक्षिका के नाम से प्रत्येक माह वेतन जारी किया जा रहा है उसमें से उन्हें कोई हिस्सा नहीं दिया जाता। बताया जा रहा है कि शिक्षिका विद्यालय में अपनी उपस्थिति दर्ज कराए बगैर ही अपनी नौकरी बचाए रखना चाहती हैं ताकि भविष्य में कभी अतिथि शिक्षकों को स्थाई किया जाए तो उन्हें इसका लाभ मिल सके। बस यही कारण है कि उक्त शिक्षिका ने विभाग को अपना वेतन प्राचार्य के खाते में भेजने की निश्शुल्क सहमति दे रखी है। बदले में विभाग उनकी नौकरी को यथावत बनाए रखने का नियम विरुद्ध कार्य लगभग तीन वर्षों से करता आ रहा है। छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने वाले संबंधित विभाग के जिम्मेदार शासन को अब तक लाखों रुपए का चूना लगा चुके हैं। मामले का खुलासा होने के बाद आक्रोशित अभिभावक भी अब फर्जीवाड़े को अंजाम देने वालों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।