★ गणेश चतुर्थी पर कई मंगलकारी योग के साथ भद्रावास का भी संयोग
★ भगवान श्री गणेश की प्रतिमा स्थापना पूर्व मूर्तिकारों के यहां उमड़े भक्त
अंबिकापुर @thetarget365 गणेश चतुर्थी का त्योहार भगवान गणेश की पूजा और उत्साह का पर्व है। यह 10 दिनों तक चलने वाला त्योहार है, जिसमें भगवान गणेश की मूर्ति को विशेष स्थान पर रखा जाता है और उनकी पूजा की जाती है। इस त्योहार में लोग भगवान गणेश से सुख, समृद्धि और ज्ञान की कामना करते हैं। यह त्योहार भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और एकता और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी के मौके पर आज शनिवार, 7 सितम्बर से जगह-जगह बनाए गए पंडालों और घरों में विधिवत मूर्ति की स्थापना करके भगवान श्री गणेश की पूजा-अर्चना की जाएगी। हर वर्ष की तरह इस बार भी सरगुजा संभाग में विभिन्न स्थानों पर भव्य पंडाल देखने को मिल रहे हैं, इसकी सजावट को और मनमोहक बनाने की तैयारियां अंतिम चरण में चल रही है। कुछ पंडाल खास थीम और भव्यता के लिए चर्चित होंगे। इसी क्रम में भगवान श्री गणेश की प्रतिमा स्थापना को लेकर उत्साहित युवाओं की टोली शुक्रवार, 6 सितम्बर को मूर्तिकारों के यहां भगवान श्री गणेश की पूर्व से आरक्षित की गई प्रतिमाओं को लेने के लिए बाजे-गाजे, डीजे के साथ पहुंची। धार्मिक गानों के बीच भगवान श्री गणेश की प्रतिमाओं को ले जाने के दौरान चहुंओर गणपति बप्पा का शोर सुनने को मिला। बनारस रोड, देवीगंज रोड में हर वर्ष की भांति मूर्तिकारों के द्वारा भव्य मिट्टी की प्रतिमाएं बनाई गई है। इसके अलावा छोटी मूर्तियों के साथ शहर के हर प्रमुख मार्गों में दुकानें सजी हैं।
बता दें कि हर वर्ष भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश का अवतरण दिवस मनाया जाता है। घरों और पंडालों में प्रतिमा स्थापना के समय तक कई भक्त व्रत रखते हैं। दस दिनों तक चलने वाले विघ्नविनायक की पूजा के दौरान कई कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है। भक्त घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना करते हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के इस वर्ष शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 31 मिनट से शुरू होगी और 7 सितंबर को संध्याकाल में 05 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में प्रदोष काल और निशा काल में होने वाली पूजा को छोड़कर सभी व्रत-त्योहार के लिए उदया तिथि से गणना की जाती है। ऐसे में 7 सितंबर को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी। पंडितों का कहना है कि इस वर्ष गणेश चतुर्थी पर कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। भद्रावास का भी संयोग बन रहा है।
मिट्टी के बने गणेश मूर्तियों की बढ़ी मांग
गणेश प्रतिमा बनाने और बेचने में लगे मूर्तिकारों का कहना है कि कच्ची मिट्टी की मूर्तियों की मांग बढ़ गई है। मिट्टी से बनी मूर्तियों के श्रृंगार में किसी प्रकार की कमी न रहे, इसका खास ध्यान रखा गया है। घरों में भी मूर्ति स्थापना के लिए भक्तगण छोटी मूर्तियों की खरीदी करने परिवार के साथ पहुंच रहे थे। नगर से लेकर ग्रामीण अंचलों से भी सैकड़ों की संख्या में लोग समूह में मूर्ति की खरीदी करने के लिए पहुंच रहे थे। भगवान श्री गणेश की आकर्षक प्रतिमाओं की बिक्री के लिए शहर में तीन दर्जन से अधिक अस्थाई दुकानें सजी हैं। यहां छोटी प्रतिमाओं को लेने के लिए लोग पहुंच रहे हैं। बच्चे भी मोहल्ले-टोले में पूजा-अर्चना के लिए भगवान श्री गणेश के प्रतिमा की खरीदीे करने में लगे हैं। गणेश प्रतिमाएं ज्यादातर कच्ची मिट्टी से तैयार की गई है, जिसकी काफी मांग है। मूर्तियों को आकर्षक रूप देने की गई कलाकारी लोगों को लुभा रही है।
पुलिस ने जाम से मुक्ति दिलाने संभाला मोर्चा
भगवान श्री गणेश की प्रतिमाओं की खरीदी के लिए डीजे और वाहनों के साथ युवाओं का जत्था जगह-जगह से पहुंचने के कारण सड़क मार्ग में दोपहर बाद से जाम की स्थिति बनने लगी थी। इसे देखते हुए यातायात थाना के प्रभारी अपनी टीम के साथ बनारस रोड की यातायात व्यवस्था सुचारू बनाने के लिए डटे नजर आए। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर भी पुलिस टीम की नजर थी।
गणपति धाम पहुंचे मटकोड़न के लिए
शहर के पंडालों में भगवान श्री गणेश की प्रतिमा स्थापना के पूर्व मटकोड़न के लिए शहर के प्रसिद्ध गणपति धाम में श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया है। गणपति धाम में आने वाले दिनों में महाआरती भी होगी, इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई है। धाम में 7 से 17 सितम्बर तक विभिन्न सामाजिक संगठनों व समाज प्रमुखों का आना होगा। इसी तारतम्य में गणपति धाम के सदस्यों ने शहर में भगवान श्री गणेश की प्रतिमा की स्थापना में लगे समितियों से पूर्व में संपर्क करके उनसे गणपति धाम से मिट्टी ले जाने और रजिस्ट्रेशन कराने का आग्रह किया है।
श्री सिद्धि विनायक मंदिर का एक वर्ष, 15 सितंबर को होगा विशाल भंडारा
शहर से लगे वन देवी मंदिर (सांडबाड़) परिसर में स्थित श्री सिद्धि विनायक मंदिर में गणेश चतुर्थी के मौके पर पहला वार्षिक महोत्सव धूमधाम से मनाने की तैयारी की गई है। मंदिर निर्माण कराने वाले राकेश साहू ने बताया कि मंदिर में 10 दिनों तक चलने वाले गणेश चतुर्थी के मौके पर काफी संख्या में यहां भक्त पहुंचते हैं। इस दौरान विविध धार्मिक आयोजन होंगे। 15 सितम्बर को विशाल भंडारा का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने पूजन कार्यक्रम और भंडारा प्रसाद ग्रहण करने का सभी से आग्रह किया है।
बता दें कि सांडबार मंदिर अंबिकापुर शहर से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, यह क्षेत्र 15 एकड़ वनों से घिरा हुआ है। मंदिर में लाखों श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर आते हैं और मनोकामना पूरी होने पर माता रानी को भेंट चढ़ाते हैं। वनदेवी मंदिर में हाथी नुमा विशाल पत्थर है, जिसे हाथी पखना भी कहते है। पत्थरों से निकली वन देवी की प्रतिमा लोगों की वर्षों पुरानी आस्था है। वन देवी मंदिर की पहचान को बरकारा रखने वन विभाग ने 15 एकड़ मैदानी क्षेत्र में वृक्षारोपण कराकर वन तैयार किया है। जिसके कारण यहां का प्राकृतिक सौंदर्य लोगों को अपनी ओर बरबस आकर्षित करता है। यहां वैवाहिक आयोजन भी संपन्न होते हैं। शहरी और ग्रामीणों क्षेत्रों के भक्तों का यहां आना-जाना लगा रहता है। श्री सिद्धि विनायक मंदिर निर्माण के बाद गणेश चतुर्थी के समय भी यहां भक्त काफी संख्या में श्रद्धा अर्पण करने के लिए पहुंचते हैं।