★ बलरामपुर, सरगुजा, सूरजपुर और जशपुर जिलों के फर्जी रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र हुए थे जारी
अंबिकापुर @thetarget365 बलरामपुर जिला मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट के खनिज विभाग में आग लगने के मामले में एसडीएम की जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर लिया है। जांच में आग जानबूझकर लगाए जाने की पुष्टि हुई है। घटना में 2018 से 2022 तक के सभी फाइलों सहित फर्नीचर जल गए थे। खनिज विभाग में आग लगने की घटना 24-25 जुलाई के दरमियानी रात की है।
जानकारी अनुसार 24 जुलाई की रात करीब 12 से 01 बजे के बीच खनिज कार्यालय में आग लग गई थी। सुबह धुआं निकलता देख आसपास के लोगों ने फायर ब्रिगेड और कर्मचारियों को सूचना दी। विभाग के चपरासी ने जांच टीम को बताया कि जब रात को कार्यालय बंद किया था तो खिड़की सही थी। घटना की सूचना पर एसडीएम अमित श्रीवास्तव भी मौके पर पहुंचे थे। आग से खनिज विभाग में रखे कंप्यूटर, फर्नीचर सहित 2018 से 2022 तक के सभी दस्तावेज जल गए थे।
जांच टीम ने सौपी रिपोर्ट, दर्ज हुई एफआईआर
बलरामपुर खनिज विभाग में लगे आग की घटना के जांच के लिए सरगुजा कमिश्नर ने आदेश जारी किया था। जांच के लिए एसडीएम अमित श्रीवास्तव, पीडब्ल्यूडी और विद्युत विभाग की संयुक्त टीम बनाई गई थी। तकनीकी जांच से स्पष्ट हो गया था कि खनिज विभाग में आग लगने की घटना का कारण शार्ट सर्किट नहीं है। आग लगी नहीं थी, बल्कि लगाई गई थी। इसका कारण 200 करोड़ रुपए से अधिक के फर्जी रॉयल्टी भुगतान प्रमाणपत्र जारी किया जाना था। मामले की जांच पता चला कि आगजनी की रात सीसीटीवी कैमरे बंद थे। एसडीएम अमित श्रीवास्तव की रिपोर्ट पर बलरामपुर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।
दरिमा हवाई पट्टी उन्नयन कार्य सहित 04 वर्ष के रॉयल्टी भुगतान प्रमाण पत्र जले
खनिज विभाग की लिपिक फुलेश्वरी प्रजापति ने जांच टीम को बताया कि, 2018 से 2022 तक खनिज विभाग के महत्वपूर्ण मामले के दस्तावेज जल गए। सरगुजा जिले के दरिमा हवाई पट्टी के उन्नयन कार्य के लिए संबंधित ठेकेदार को फर्जी रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र के मेमो पर इनिशियल फुलेश्वरी प्रजापति ने की थी।जांच में यह भी पता चला कि, बलरामपुर के साथ सरगुजा, सूरजपुर और जशपुर जिलों के फर्जी रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र जारी किए गए थे। फर्जी रॉयल्टी चुकता प्रमाण और फर्जी पीट पास जारी किए जाने की शिकायत निर्माण विभागों ने बलरामपुर कलेक्टर से की थी।
बलरामपुर कलेक्टर आर. एक्का ने बताया कि, एसडीएम को जांच करने के बाद एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए थे। जांच के बाद एफआईआर दर्ज कराई गई है। मामले में बलरामपुर पुलिस ने धारा 326 (छ) बीएनएस का अपराध दर्ज किया है।