अंबिकापुर @thetarget365 संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय अंबिकापुर सरगुजा के कुलपति प्रो अशोक सिंह को हटाया जा रहा है। उनके स्थान पर नए कुलपति की नियुक्ति की जाएगी। इसके लिए धारा 52 के तहत प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। इस अधिनियम के तहत राज्यपाल को नए कुलपति नियुक्त करने का अधिकार होता है।
पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल में तत्कालीन कुलपति को भी इसी प्रक्रिया के तहत पद से हटाया गया था। कुलपति का प्रभार तत्कालीन सरगुजा कमिश्नर को दिया गया था। उनके बाद प्रो अशोक सिंह को यहां का कुलपति नियुक्त किया गया था। उनका कार्यकाल अभी सात माह बचा हुआ है। कुलपति के विरुद्ध राज्य महिला आयोग में उनके विरुद्ध शिकायत हुई थी। आयोग ने उक्त प्रकरण में नोटिस भी जारी किया था।
कुलपति के कामकाज को लेकर जनप्रतिनिधियों ने भी आवाज उठाई थी। तत्कालीन कुलसचिव से उनका विवाद भी सार्वजनिक हो चुका था। तीन अक्टूबर को ही राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग की ओर से धारा 52 की अधिसूचना जारी कर दी गई। इस अधिसूचना में कुलपति के विरुद्ध तीन आरोप लगाए गए है।
देखिए अधिसूचना
जानिए क्यों हटाया जा रहा है कुलपति को
0 संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय सरगुजा अंबिकापुर के कार्यकलापों में कुप्रशासन तथा अव्यवस्था
0 विश्वविद्यालय में आंतरिक विवाद एवं समन्वय के अभाव के कारण स्वस्थ शैक्षणिक एवं प्रशासनिक बातावरण का अभाव
0 जनसाधारण एवं छात्रों की दृष्टि में विश्वविद्यालय के प्रति विश्वसनीयता में गिरावट
समझिए धारा 52
छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 की धारा 52 के तहत राज्य सरकार को यह अधिकार है कि अगर उसे लगता है कि किसी विश्वविद्यालय में अव्यवस्था, भ्रष्ट्राचार, आर्थिक अनियमितता या संचालन में लापरवाही हो रही है, तो वह उस विश्वविद्यालय के कुलपति को बर्खास्त कर सकती है।अगर राज्य सरकार को लगता है कि विश्वविद्यालय के प्रशासन को अधिनियम के प्रविधानों के अनुरूप चलाना संभव नहीं है, तो वह अधिनियम की धारा 13, 14, 23 से 25 के प्रविधानों को लागू करने के लिए अधिसूचना जारी कर सकती है।इस अधिसूचना को जारी करने के बाद यह एक साल के लिए लागू रहती है। राज्य सरकार इसे ज़्यादा से ज़्यादा तीन साल के लिए बढ़ा सकती है।