★ धार्मिक कार्य के लिए प्राप्त जमीन का कामर्शियल उपयोग
अंबिकापुर @thetarget365 अंबिकापुर के नमनाकला रिंग रोड पर स्थित निष्कलंक आश्रम प्रशासनिक जांच में फंस गया है। धार्मिक कार्यो के लिए आश्रम के नाम पर अर्जित भूमि के कमर्शियल उपयोग की शिकायत पर कलेक्टर विलास भोसकर ने क्रय, विक्रय तथा सभी प्रकार के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है। अंबिकापुर के अधिवक्ता अभिषेक शर्मा ने निष्कलंक आश्रम के विरुद्ध कलेक्टर से शिकायत की थी।
प्रकरण की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अभिषेक शर्मा अवगत कराया गया कि आश्रम की भूमि का अवैधानिक तरीके से उपयोग किया जा रहा है। गलत तरीके से लाभ अर्जित करने हेतु पेड़ों की कटाई कर भूमि का कुछ हिस्सा विक्रय भी किया गया और दुकानें भी किराए पर दी गई है। जबकि जिन शर्तों पर जमीन का आबंटन किया गया है उनमें व्यवसायिक उपयोग नहीं किया जा सकता।
आश्रम द्वारा अपनी वार्षिक बैठक में यह बताया गया कि संस्था के पास पैसों का अभाव है इस कारण व्यवसायीकरण किया जा रहा है। अधिवक्ता अभिषेक शर्मा ने बताया कि संस्था के पास जमा राशि का ब्याज और किराए के रूप में भी आय प्राप्त हो रहा है, इसके दस्तावेज भी प्रस्तुत किए गए। कलेक्टर सरगुजा ने सभी मुद्दों पर सुनवाई के पश्चात आश्रम की भूमि पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश पारित कर दिया है।
नमनाकला रिंग रोड में संचालित है निष्कलंक आश्रम
निष्कलंक आश्रम का संचालन ईसाई समाज द्वारा किया जाता है। अंबिकापुर के रिंग रोड नमनाकला के किनारे यह जमीन करोड़ों रुपये की है। धार्मिक गतिविधियों के लिए जमीन प्रदान की गई थी। इसका कमर्शियल उपयोग नहीं किया जा सकता। पिछले कुछ वर्षों से आश्रम प्रबंधन ने जमीन के बड़े हिस्से का कमर्शियल उपयोग शुरू कर दिया गया है। किराए पर भी जमीन दी गई है। यह नियमों के विपरीत है। यही कारण है कि कलेक्टर ने यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश जारी किए हैं।
सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम का उल्लंघन
निष्कलंक आश्रम के पक्ष में 20.349 हेक्टेयर भूमि धार्मिक कार्य करने हेतु सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1960 के तहत पंजीयन की गई थी, लेकिन निष्कलंक आश्रम द्वारा सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम का उल्लंघन किया जा रहा है। आश्रम प्रबंधन द्वारा इसी जमीन पर अवैधानिक तरीके से लाभ अर्जित किया जा रहा है। अधिवक्ता अभिषेक शर्मा ने संस्था के नाम पर अर्जित भूमि, क्रय विक्रय की गई भूमि एवं आय की प्रकृति, बिना पूर्व अनुमति संस्था की जमीन का कमर्शियल उपयोग एवं लीज पर दी जा रही भूमि के दस्तावेजों के साथ पंजीयन की वैधानिकता की जांच का आग्रह किया गया है। जांच अवधि तक किराया से प्राप्त आय को शासन के खाते में जमा कराने एवं नियमों की अनदेखी पर जमीन पंजीयन निरस्त करने के आवेदन पर कलेक्टर न्यायालय ने जांच शुरू कर दी है। जारी आदेश में कहा गया है कि निष्कलंक आश्रम के नाम से स्थित वाद भूमि पर आगामी आदेश पर्यन्त तक यथास्थिति बनाकर रखा जाए।