मनेंद्रगढ़ @thetarget365 मनेंद्रगढ़ के महौरापारा इलाके में अतिक्रमण हटाने के दौरान शुक्रवार को बड़ा विवाद हो गया। नगर पालिका और राजस्व विभाग की टीम द्वारा कार्रवाई के दौरान एक व्यवसायी ने तहसीलदार यादवेंद्र कैवर्त के साथ गाली-गलौज करते हुए मारपीट की। पुलिस ने आरोपी व्यवसायी नितीन अग्रवाल को हिरासत में लिया, लेकिन कुछ देर बाद छोड़ दिया। इस घटना के बाद व्यापारी संघ ने तहसीलदार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
क्या है पूरा मामला..
राजस्व और नगर पालिका की संयुक्त टीम शुक्रवार को महौरापारा इलाके में अतिक्रमण हटाने पहुंची थी। कार्रवाई के दौरान नेशनल हाइवे पर बनी नाली के पास व्यवसायी नितीन अग्रवाल का सामान रखा हुआ था। प्रशासन ने उन्हें सामान हटाने के निर्देश दिए। व्यवसायी ने सामान हटाना शुरू कर दिया था, लेकिन इस बीच तहसीलदार यादवेंद्र कैवर्त ने जेसीबी से सीमेंट की सीटें तोड़ने का आदेश दे दिया।
इससे नाराज नितीन अग्रवाल ने तहसीलदार से बहस करते हुए मारपीट कर दी और गाली-गलौज करते हुए उन्हें धमकाया कि वह अपना ट्रांसफर करवा लें। घटना के बाद पुलिस ने अग्रवाल को थाने ले जाकर पूछताछ की, लेकिन बाद में छोड़ दिया।
व्यापारी संघ का आरोप
घटना के बाद व्यापारी संघ तहसीलदार के खिलाफ खड़ा हो गया है। व्यापारियों का आरोप है कि तहसीलदार ने व्यवसायी को सामान हटाने का पूरा मौका नहीं दिया और उनकी कार्रवाई से करीब डेढ़ लाख का नुकसान हुआ है। संघ ने तहसीलदार के खिलाफ कलेक्टर को शिकायत सौंप दी है और मामले को कैबिनेट मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल तक पहुंचाया गया है।
तहसीलदार पहले भी रहे विवादों में
यह पहली बार नहीं है जब तहसीलदार यादवेंद्र कैवर्त विवादों में आए हैं। कुछ दिन पहले अतिक्रमण हटाने की एक अन्य कार्रवाई में उन्होंने एक व्यवसायी का मोबाइल छीन लिया था, जो वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहा था। बाद में मोबाइल लौटा दिया गया, लेकिन इस घटना से भी प्रशासन की छवि पर सवाल उठे।