★ त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण समाप्त करने का विरोध
★ कांग्रेस नेताओं ने कहा, भाजपा आदिवासी, दलित और पिछड़ों के आरक्षण पर कर रही है हमला
अंबिकापुर @thetarget365 त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण समाप्त करने के विरोध में आज जिला कांग्रेस कमेटी सरगुजा ने शहर के डाटा सेंटर में एक दिवसीय धरना दिया।
आयोजित सभा को संबोधित करते हुए 20 सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के पूर्व उपाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने कहा कि अब यह साबित हो चुका है कि भाजपा EVM के माध्यम से सरकार बनाती है। EVM के माध्यम से सरकार बनाने वाली भाजपा अब देश के आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों को मिले आरक्षण को समाप्त करने में जुट गई है। शुरुआत ओबीसी आरक्षण से हुई है लेकिन भाजपाई जल्द ही आदिवासियों और दलितों के आरक्षण को भी समाप्त कर देगी। सभा को संबोधित करते हुए श्रम कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शफी अहमद ने कहा कि भाजपा न केवल आरक्षण विरोधी है साथ ही साथ ये पिछड़े वर्ग की विरोधी भी है। भाजपा नहीं चाहती है कि ओबीसी समाज को राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिले।
सभा को संबोधित करते हुए निवर्तमान महापौर अजय तिर्की ने कहा कि जो वर्ग प्रदेश की आबादी में 50 प्रतिशत से अधिक का हिस्सा है उसकी राजनीतिक भागीदारी को भाजपा समाप्त कर रही है। उन्होंने कहा कि में आशंकित हूँ कि भाजपाई आगे आदिवासियों के आरक्षण पर भी हमला करेंगे। जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने कहा कि भाजपा कुलीन वर्ग से बनी और उनको राजनीतिक प्रमुखता देने वाली पार्टी है। वो पार्टी में मौजूद कुलीन वर्ग के नेताओं और उनके परिजनों को मौका देने के लिये त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को समाप्त कर रही है।
सभा को लक्ष्मी गुप्ता, बालेश्वर राजवाड़े, मुनेश्वर राजवाड़े, मदन जायसवाल, सीमा सोनी, गीता रजक, अनिमा केरकेट्टा, दीपक मिश्रा, लवकेश पासवान, सतीश बारी, आशीष जायसवाल, आतिश शुक्ला, मिथुन सिंह, विवेक पैकरा, सुनीता पैकरा आदि ने संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन दुर्गेश गुप्ता ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन ब्लॉक कॉंग्रेस कमेटी अंबिकापुर शहर के अध्यक्ष हेमंत सिन्हा ने किया। सभा के अंत मे महामहिम राज्यपाल के नाम का ज्ञापन प्रशासन को दिया गया।
बात दें 3 दिसंबर 2024 के अधिसूचना के द्वारा प्रदेश की भाजपा सरकार ने पूरे प्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में जिला एवं जनपद सदस्य के पदों पर आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत तय कर दिया। पुरानी व्यवस्था के अंतर्गत पांचवी अनुसूची वाले जिले जहाँ 50 प्रतिशत या ज्यादा आबादी अनुसूचित जनजाति की थी वहां आरक्षण सीमा को बढ़ाकर अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में जनप्रतिनिधित्व का न्यायोचित अवसर दिया जाता था। सरगुजा संभाग में बहुतायत से निवासरत राजवाड़े, जायसवाल, कुशवाहा, मानिकपुर, बारगाह आदि पिछड़े वर्ग की जातियों को इससे लाभ हो रहा था। किंतु 3 दिसंबर 2024 के नोटिफिकेशन के माध्यम से आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत तय करने से पांचवे अनुसूची वाले जिलों में ओबीसी वर्ग को आरक्षण का अवसर समाप्त हो गया। इसी अधिसूचना को वापस लेने और इसके आधार पर किये गये आरक्षण को निरस्त कर पुरानी व्यवस्था के अंतर्गत ओबीसी वर्ग को आरक्षण की मांग के तहत आज कांग्रेस ने धरना प्रदर्शन किया।