अंबिकापुर @thetarget365 नगर निगम सीमा से लगे वन क्षेत्रों में वर्षों से निवास कर रहे सैकड़ों परिवारों को वन विभाग ने 24 घंटे के भीतर भूमि खाली करने का नोटिस जारी किया है। यह नोटिस ग्राम बधियाचुआ, नवागढ़, श्रीगढ, डबरीपानी सहित अन्य इलाकों में 350 से अधिक परिवारों को दिया गया है। विभाग ने इन परिवारों को वन भूमि पर अतिक्रमण का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी है कि समय सीमा पूरी होने के बाद कार्रवाई के तहत बुलडोजर चलाया जाएगा।
ग्रामीणों का आरोप: 40 वर्षों से रह रहे हैं भूमि पर
ग्रामीणों ने दावा किया है कि वे पिछले 30-40 वर्षों से इन स्थानों पर रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान भी इसी तरह के नोटिस दिए गए थे, लेकिन उन्होंने जवाब देकर कार्रवाई रुकवा दी थी। अब सरकार बदलने के बाद वन विभाग ने अचानक से नोटिस जारी कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि सर्दी के इस मौसम में उनके पास जाने के लिए कोई अन्य स्थान नहीं है।
रात में बांटे गए नोटिस, ग्रामीणों में दहशत
ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग के कर्मचारी रात में 2 बजे तक घर-घर जाकर नोटिस बांट रहे थे। इससे लोग डरे हुए हैं। नोटिस में सभी को 24 घंटे के भीतर स्थान खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया है। वन विभाग की इस कार्रवाई से प्रभावित परिवारों में गहरी नाराजगी और डर का माहौल है। कड़कड़ाती सर्दी में सैकड़ों लोग अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
कांग्रेस नेता शफी अहमद ने की कार्रवाई की निंदा
ग्रामीण अपनी समस्या लेकर कांग्रेस नेता शफी अहमद के निवास पहुंचे। उन्होंने इसे वन विभाग की जल्दबाजी भरी कार्रवाई करार दिया। उन्होंने कहा कि इस मौसम में 24 घंटे में घर खाली करने का आदेश अनुचित है। यदि वन भूमि पर कब्जा है, तो इसे वैधानिक प्रक्रिया के तहत सुलझाया जाना चाहिए। उन्होंने सरकार पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर देने की बात हो रही है और दूसरी तरफ आदिवासी बहुल क्षेत्रों में बेदखली की कार्रवाई की जा रही है।
प्रशासन की चुप्पी, ग्रामीणों में बढ़ा आक्रोश
वन विभाग के अधिकारी इस मामले में कोई बयान देने से बच रहे हैं। वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें अनिश्चितता की स्थिति में छोड़ दिया गया है। लोग सरकार और प्रशासन से इस फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग कर रहे हैं।