■ भाजपा-कांग्रेस-गोंडवाना समर्थकों के बीच झड़प, गाली-गलौज और धक्का-मुक्की से दिनभर रहा माहौल तनावपूर्ण
■ जनपद पंचायत उदयपुर अध्यक्ष-उपाध्यक्ष चुनाव में हंगामा, पुलिस के हस्तक्षेप से शांत हुआ मामला
उदयपुर @thetarget365 सरगुजा जिले के जनपद पंचायत उदयपुर के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव में कांग्रेस ने दोनों पदों पर जीत हासिल कर ली है। शनिवार को भारी हंगामा और झूमा-झटकी देखने को मिली। जैसे ही जनपद सदस्य चुनाव प्रक्रिया के लिए पहुंचे, वैसे ही भाजपा, कांग्रेस और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (GGP) के समर्थकों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई, जो जल्द ही गाली-गलौज और धक्का-मुक्की तक पहुंच गई।
पुलिस को करना पड़ा हस्तक्षेप

जनपद सदस्यों को घेरने की कोशिश
कांग्रेस के जनपद सदस्य सिद्धार्थ सिंह देव, ओमप्रकाश सिंह, श्रवण वरकड़े समेत अन्य नेता जब जनपद परिसर पहुंचे, तो भाजपा और गोंडवाना समर्थकों ने उन्हें घेर लिया। उनके पक्ष में समर्थन हासिल करने के लिए कई कार्यकर्ताओं ने जबरन बातचीत करने की कोशिश की, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। यह विवाद इतना बढ़ा कि दोनों पक्षों में भाषाओं की मर्यादा तार-तार हो गई और खुलेआम गाली-गलौज होने लगी।
बड़े नेता भी पहुंचे, लेकिन जल्द हुए रवाना
इस दौरान मौके पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंह देव और भाजपा विधायक राजेश अग्रवाल भी पहुंचे। हालांकि, दोनों नेता कुछ देर तक स्थिति का जायजा लेने के बाद वहां से रवाना हो गए।
कांग्रेस समर्थित ओमप्रकाश अध्यक्ष और सिद्धार्थ सिंहदेव उपाध्यक्ष बने
सरगुजा जिले के उदयपुर जनपद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के लिए शनिवार को वोटिंग हुई। इसमें अध्यक्ष व उपाध्यक्ष दोनों ही पदों पर कांग्रेस समर्थित जनपद सदस्यों ने जीत दर्ज की। अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस समर्थित बीडीसी ओमप्रकाश को 8 वोट जबकि भाजपा के मुन्ना सिंह को 5 वोट मिले। वहीं उपाध्यक्ष पद पर कांग्रेस समर्थित बीडीसी सदस्य सिद्धार्थ सिंहदेव ने जीत हासिल की। उन्हें भी 8 वोट मिले, जबकि भाजपा प्रत्याशी को 5 वोट ही मिल पाए। इस तरह कांग्रेस ने उदयपुर जनपद में जीत हासिल की।
लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय
चुनाव प्रक्रिया के दौरान जिस तरह मर्यादा का उल्लंघन हुआ और अराजकता का माहौल बना, वह लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है। चुनावी माहौल में संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान जरूरी है, लेकिन जनपद पंचायत चुनाव में जो दृश्य देखने को मिले, उन्होंने राजनीतिक संस्कृति पर सवाल खड़े कर दिए।