अंबिकापुर @thetarget365 छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के बैगा आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाली लहरी बाई ने पारंपरिक मोटे अनाजों की खेती और संरक्षण में एक मिसाल कायम की है। अपने अथक प्रयासों से उन्होंने बाजरे की 150 से अधिक किस्मों को संरक्षित किया, जिसके चलते उन्हें “मिलेट क्वीन” के नाम से जाना जाता है। भारत सरकार ने उनकी इस अनूठी पहल को पहचानते हुए उन्हें बाजरे की ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया है।
लहरी बाई का योगदान केवल खेती तक सीमित नहीं है, बल्कि वे पारंपरिक बीजों को सहेजकर आने वाली पीढ़ियों के लिए अनमोल विरासत बना रही हैं। उनके संरक्षण में कुटकी, सांवा, कोदो और कटकी जैसी दुर्लभ बाजरे की किस्में शामिल हैं, जिनकी पोषणीय और पर्यावरणीय महत्ता को देखते हुए वैश्विक स्तर पर सराहा जा रहा है।
हाल ही में G20 कृषि कार्य समूह (AWG) बैठक में विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने उनके इस अमूल्य योगदान के लिए उन्हें सम्मानित किया। लहरी बाई का कहना है कि “प्राकृतिक खेती और परंपरागत बीजों का संरक्षण ही सतत कृषि का भविष्य है।” उनकी इस पहल से न केवल आदिवासी समुदाय बल्कि संपूर्ण देश को प्रेरणा मिल रही है।
उनके प्रयास भारत में मिलेट्स (मोटे अनाज) को पुनर्जीवित करने और किसानों को जैव विविधता के महत्व को समझाने में मदद कर रहे हैं। वैश्विक मंचों पर उनकी सराहना यह दर्शाती है कि स्थानीय स्तर पर किए गए प्रयास भी विश्व स्तर पर बदलाव ला सकते हैं।
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लहरी बाई एक परिचय
लहरी बाई छत्तीसगढ़ के डिंडोरी जिले के जंगली सिल्पिडी गांव की निवासी हैं जो अमरकंटक शहर के करीब है। अमरकंटक को नर्मदा नदी के स्रोत के रूप में जाना जाता है। वह अपनी दो कमरे की झोपड़ी में अपनी लागत पर मोटे अनाजों की 150 स्थानीय किस्मों को संरक्षित करने के लिए प्रसिद्ध हैं।
28 वर्षीय लहरी बाई मिलेट की अलग-अलग प्रजातियों के बीज इकट्ठा करती हैं और उन्हें अपनी दो कमरे की झोपड़ी में मिट्टी के कंटेनरों में संरक्षित करती हैं। फिर वह इन बीजों को किसानों को बांटती हैं जो उन्हें उगा सकते हैं और उन्हें उपज का एक हिस्सा अपने घर के बीज बैंक में संरक्षित करने के लिए मिलता है।
प्रधानमंत्री मोदी भी कर चुके हैं लहरी बाई की तारीफ
एमपी के डिंडौरी की रहने वाली लहरी बाई को मिलेट्स एम्बेसडर घोषित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी टवीट कर तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि लहरी बाई ने जो काम किया है, उनके प्रयास दूसरों को भी प्रेरणा देंगे।
पिछले दिनों मिलेट क्वीन लहरी बाई ने कोरिया कलेक्टर चंदन त्रिपाठी से सौजन्य मुलाकात की। कलेक्टर त्रिपाठी ने उनसे खेती के अनेक विषयों पर जानकारी साझा की।